अभी तक आपने बांस से घर बनाने या फिर फर्नीचर बनाने की बातें ही सुनी होंगी। लेकिन क्या आपको पता है कि बांस खाने के भी काम आता है और इसके आयुर्वेदिक गुण आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं। ख़ासकर इस मौसम में जब बीमारियां आपको पकड़ने की कोशिश में लगी हुई हों। दरअसल बांस को सख्त और ऐसी घास के तौर पर देखा जाता है जोकि ज्यादा काम की नहीं है। लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक बांस आपके शरीर के कफ और पित्त को संतुलित करता है। यानि पेट मुंह और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को आपसे दूर रखता है। हालांकि बांस के सख्त होने और इसके पचने में मुश्किल होने की वजह से इसकी कोपलें दवाई या खाने के तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं।
आइए अब हम आपको बताते है कि किन बीमारियों में आप बांस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इम्यूनिटी बूस्टर
बांस किसी भी कंडीशन में लंबे समय तक खड़ा रहता है। ये कितनी भी कठिन परिस्थियों को झेल सकता है। ये इसलिए होता है कि क्योंकि इसमें विटमिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जोकि इसे किसी भी परिस्थितयों को झेलने के लिए मज़बूत करते हैं। इसे विटमिन और मिनरल्स का स्टोरेज़ हाउस भी कहा जाता है। अगर इसकी कोपलें आप खाते हैं तो ये आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा और आप बीमार कम पड़ेंगे। आपको चाहिए कि बांस की कोपलों को छोटा छोटा काट लें और उन्हें लहसुन या प्याज की तरह सब्जी में डालकर पकाएं। बांस का आचार भी मिलता है। अगर आपको इसे खरीदने में परेशानी हो तो किसी भी नार्थईस्ट के फेस्ट में जाकर इसे खरीदें उत्तर पूर्व राज्यों में इसका आचार बहुत ही चाव से खाया जाता है।
त्वचा को जवां रखता है
बांस का बेसिक नेचर लचीलापन होता है। अगर इसका दवाई के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो ये आपकी त्वचा में भी लचीलापन लेकर आ जाएगा। बांस के अंदर अमिनो एसिड होता है। जोकि आपकी त्वचा को बेहतर बना सकता है। बांस में एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपटी भी होती हैं। जोकी इसको त्वचा में होने वाले कील मुहासों और स्किन के फटने की समस्या में भी फायदा पहुंचाने वाला बनाता है। इसके अलावा बांस डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है।