Kisan andolan update: किसान संगठनों का एक वर्ग गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर्स समते दिल्ली में घुसने की कोशिश करेगा। किसानों और सरकार के बीच सकारात्मक माहौल में हो रही बातचीत के बीच योगेंद्र यादव और आम आदमी के प्रभाव वाले ये किसान संगठन बाकी किसान संगठनों पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहने का दबाव बना रहे हैं।
दरअसल किसान संगठनों के बीच अब आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर दरार साफ नज़र आने लगी हैं। जहां किसान संगठनों में से अधिकांश बीच के रास्ते की बात कर रह हैं। वहीं लेफ्ट, कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी से संबंधित किसान संगठन इस आंदोलन को कृषि कानूनों की वापसी तक लड़ने का दबाव बनाए हुए हैं।
इसी वजह से शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कहा गया कि मांगें नहीं मानी गई तो वे मकर संक्रांति पर 13 जनवरी को देशभर में तीनों कानूनों की होली जलाएंगे। 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर के साथ अपनी अलग ‘किसान गणतंत्र परेड’ निकालेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य बलबीर सिंह राजे वाल (आप समर्थक), दर्शन पाल (PDFI संस्थापक), गुरनाम सिंह चढ़ूनी (आम आदमी पार्टी, पंजाब), जगजीत सिंह डल्लेवाल और योगेंद्र यादव (आम आदमी पार्टी के संस्थापक) ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि चार जनवरी को अगर बातचीत विफल होती है तो छह जनवरी को KMP (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च किया जाएगा। शाहजहांपुर पर मोर्चा लगाए किसान दिल्ली आएंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि अभी मुख्य मांगों पर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है। स्थिति ‘पूंछ निकलने और हाथी के फंसे रहने’ वाली है। कृषि संबंधी तीनों कानून को वापस लेने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी-निजी खरीद की गारंटी पर अब भी सरकार टस से मस नहीं है। नेताओं ने दावा किया कि 30 दिसंबर की वार्ता में दो छोटे मुद्दों पर सरकार की ओर से सहमति का अब तक लिखित प्रस्ताव भी नहीं मिला है।