Love Jihad Law: उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण कानून को देश के पूर्व अधिकारियों का समर्थन मिला है। 200 से ज्य़ादा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस कानून के समर्थन में पत्र लिखा है। पत्र में मांग की गई है कि इस कानून को और बेहतर तरीके से लागू किया जाए ताकि धोखे और लालच से धर्म परिवर्तन को रोका जा सके और उन्होंने सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि इस तरह का कानून पूरे देश में लागू हो।
इससे पहले कुछ पूर्व नौकरशाहों ने इस कानून के विरोध में भी मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। इस पत्र को उसी का जवाब माना जा रहा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे थे। जिसमें नाम बदल कर लड़कियों को प्रेम में फंसाया जा रहा था और बाद में शादी कर उनका धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। कानपुर में तो इस तरह के कई सारे मामले पुलिस और प्रशासन के सामने आए थे। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश सरकार पर इस तरह का कानून लेकर आने का दबाव थ। खुद मुख्यमंत्री कई सालों से लव जेहाद पर बोलते आ रहे हैं।
इस कानून के तहत अगर धोखे ये या लालच से किसी भी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो अधिकतम दस साल तक की सज़ा हो सकती है।
इसी कानून के समर्थन में 224 पूर्व अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण के नेतृत्व में रिटायर्ड अधिकारियों की तरफ से लिखे गए इस पत्र में धर्मांतरण कानून का समर्थन किया गया है। दूसरी ओर, पूर्व नौकरशाहों के लिखे पिछले पत्र को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। चिट्ठी में कहा गया है कि ये कानून धर्म का पालन करने वाले फंडामेंटल राइट की रक्षा करता है। लिहाजा सीएम योगी आदित्यनाथ को संविधान की सीख देना गलत है। पूर्व अफसरों ने अपनी चिट्ठी में कहा, हम सभी राज्य सरकारों से अपील करते हैं कि वे जनता के हित में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सद्भाव कायम रखने के लिए इस तरह के कानून लागू करें। पत्र पर पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सर्वेश कौशल, हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव धरमवीर, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्र मेनन, पूर्व राजदूत लक्ष्मी पुरी और महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित समेत कई पूर्व अफसरों के दस्तखत हैं।