Muradnagar update: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले से पूरे उत्तर प्रदेश की नौकरशाही, ख़ासकर पीडब्लूडी को परेशान कर दिया है। योगी ने गाजियाबाद के मुरादनगर में शमशान घाट की छत गिरने के मामले में नुकसान की भरपाई भी दोषियों से करने के निर्देश दिए हैं। इन दोषियों में ठेकेदार, जेई, एई और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इससे पहले भी योगी ने कई मामलों में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से उस संपत्ति की कीमत वसूली है।
दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुरादनगर हादसे में पीड़ित के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा कर दी है। साथ ही आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाने का आदेश दिया है। इस घटना के जिम्मेदार इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ रासुका लगाने के साथ ही दोषी इंजीनियर व ठेकेदार से नुकसान की वसूली होगी और ठेकेदार व इंजीनियर को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से डीएम और कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा जब सितंबर में 50 लाख के ऊपर के निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन का निर्देश जारी किया गया था, तब यह चूक क्यों हुई।
उत्तर प्रदेश में सड़क बनाने के काम में लंबे समय से लगे एक ठेकेदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस फैसले से ठेकेदारों पर भारी दबाव आ गया है। साथ ही सरकारी महकमे के इंजीनियर और अन्य कर्मचारी भी दबाव में है। दरअसल यूपी में पूरी सरकारों में कमीशन के कारण क्वालिटी में काफी समझौता करना पड़ता था। इसकी वजह से कई निर्माण बहुत ही खराब क्वालिटी के बनते थे। कुछ समय पहले बनारस में भी एक पुल का हिस्सा गिर गया था। लेकिन मुख्यमंत्री योगी के इस फैसले से कई विभागों के अफसरों में घटिया क्वालिटी का निर्माण को लेकर डर पैदा हो गया है।
एक इंजीनियर ने बताया कि हमारे ऊपर सारा दोष दिया जाता है। लेकिन राजनेताओं भी किसी भी निर्माण में अपना दबाव रखते हैं। ऐसे में हम इंजीनियरों पर क्वालिटी मेंटेन करना मुश्किल हो जाता है।