AntiCAAProtest: दिल्ली दंगों में जेएनयू छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) और आम आदमी पार्टी (AAP) के काउंसलर ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने माना है कि दंगों में दोनों के खिलाफ दंगों में षड़यंत्र करने के पर्याप्त सबूत है। कोर्ट ने सप्लिमेंटरी चार्जशीट पर भी कांग्नीजेंस ले लिया है।
ताहिर और उमर खालिद ने लोगों को भड़काया
मेट्रोपॉलिटिन जज दिनेश कुमार ने कहा कि दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबुत हैं। गवाहों के स्टेटमेंट में साफ है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन दंगों के समय आपस में संपर्क में थे। जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने सीएए के खिलाफ लोगों को भड़का कर धरने पर बैठने के लिए प्रेरित किया था। इससे लोगों ने शाहीन बाग और बाद में मुस्तफाबाद इलाके में सड़कें बंद कर दी थी। इसके साथ ही खालिद ने लोगों को दंगों के लिए भी प्रेरित किया था। दूसरी ओर ताहिर हुसैन ने दंगों के लिए लोगों को फंड मुहैया कराया था और लोगों को दूसरे समुदाय के लोगों के घरों को जलाने और मारने के लिए उकसाया था। चार्जशीट में साफ है कि दंगों को भड़काने में उमर खालिद एक्टिव तौर पर काम कर रहा था। इन दोनों लोगों के उकसाने पर भीड़ इकट्ठी हुई और बाद में उन्होंने लोगों के घरों को लूटा और उनकी प्रापर्टियों में आग लगा दी।
चश्मदीद गवाह के मुताबिक उसने देखा था कि किस तरह धरने पर बैठे लोगों को ताहिर हुसैन पैसे दे रहा था। चश्मदीद ने अपना स्टेटमेंट लिखवाया है कि 8 जनवरी को ताहिर उसे शाहीन बाग के एक ऑफिस में ले गया जहां उसने उमर खालिद और खालिद सैफी को देखा। ताहिर हुसैन उस दफ्तर में करीब 1-1.30 घंटे तक रहा। इससे साफ है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन आपस में संपर्क में थे।
दंगों में मारे गए थे 50 से ज्य़ादा लोग
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ धरने में लोगों ने दिल्ली से नोएडा जाने वाली एक प्रमुख सड़क पर कब्जा कर लिया था और उसपर करीब एक महीने तक ये धरना चला था। इसके बाद पूरे देश में कई जगह इसी तरह से सड़कों पर कब्जा कर धरना शुरू करने की कोशिश की गई थी। मुस्तफाबाद में भी मुख्य सड़क पर कब्जा कर वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था। इसको ताहिर हुसैन फंड कर रहा था। उमर खालिद लगातार मुस्तफाबाद में धरने में भी भाषण दे रहा था। बाद में धरने में बैठे लोगों ने ताहिर और अन्य के उकसाने पर दूसरे समुदाय के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। दंगों में ताहिर के घर से एसिड के भरे हुए ड्रम भी मिले थे। साथ ही ताहिर हुसैन के घर की छत पर इक्कठी भीड़ हिन्दुओं को निशाना बनाती दिखी थी। इसके फुटेज सामने आए थे। इसके बाद ही आम आदमी पार्टी ने भी ताहिर हुसैन से किनारा कर लिया था।