PM Pragati project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजनाओं के पीछे लगकर उन्हें पूरा करवाने का जो काम हाथ में लिया है, उससे कई योजनाओं को ना सिर्फ गति मिली है। बल्कि कई योजनाएं जोकि ठंडे बस्ते में जा रही थी, वो पूरी भी हो गई है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस कोच्चि-मैंगलोर गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया है। इस प्रोजेक्ट को 2015 तक ही शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन राज्यों की राजनीति के चक्कर में ही ये प्रोजेक्ट 2016 जाकर अवार्ड हुआ था।
दरअसल जिस कोच्चि गैस टर्मिनल से गैस आनी है, वो तो 2014 में ही तैयार हो गया था। लेकिन पाइपलाइन नहीं होने की वजह से बेकार पड़ा हुआ था। इसको बनाने में पेट्रोनेट एलएनजी का करीब 4500 करोड़ रुपये का इवेसंटमेंट हुआ था। लेकिन पुरानी सरकारों की ढिलाई के चलते इस प्रोजेक्ट का अवार्ड ही 2016 में हो पाया।
गेल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि ये एक बहुत ही मुश्किल प्रोजेक्ट था। 500 किलोमीटर से ज्य़ादा के इस प्रोजेक्ट में पानी की बहुत बड़ी समस्या थी। इस पाइपलाइन को ऐसी 100 से ज्य़ादा जगह पार करनी थी। जहां नदी थी या बैकवाटर था। साथ ही पूरे इलाके में लगातार बारिश होती रहती थी। ऐसे में प्रोजेक्ट में काफी परेशानियां आई। लेकिन प्रोजेक्ट खुद प्रधानमंत्री मॉनिटर कर रहे थे। लिहाजा इसे बिना लागत बढ़ाए जल्द से जल्द पूरा करना एक चुनौती थी। हमने इसको कुछ देरी के साथ पूरा किया। लेकिन प्रोजेक्ट पूरा हो गया।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट को लेकर ख़ासे संवेदनशील थे। जनवरी 2020 की पहली प्रगति बैठक में ही उन्होंने इस प्रोजेक्ट को लेकर समीक्षा बैठक की और इस प्रोजेक्ट की समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य सरकारों के साथ भी बेहतर कॉडिनेशन बिठा दिया। इसी वजह से खुद केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।