Covaxin:आखिर भारत बॉयोटेक की वैक्सीन पर कांग्रेस नेता क्यों कर रहे हैं हमला?

Vaccine volunteer died of poisoning: भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Co-Vaccine को लेकर कांग्रेस के नेता जिस तरह से भ्रम फैला रहे हैं, उससे एक साजिश की बू आ रही है। पहले अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कारण पहचाने जाने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस वैक्सीन के ट्रॉयल पर सवाल खड़े किए, फिर कांग्रेस एक और बड़े नेता जयराम रमेश ने भी थरूर के सुर में सुर मिलाया। अब मध्यप्रदेश में जिस तरह से एक वैक्सीन ट्रॉयल वॉलियंटर दीपक मवानी के घर दिग्विजय सिंह पहुंचे हैं, उससे ये शक गहरा जाता है।

कंपनी भारत बॉयोटेक ने कहा है कि एक स्टेटमेंट जारी करके कहा है कि उन्हें शक है कि फेस थ्री ट्रॉयल में भाग ले रहे दीपक मवानी को ज़हर दिया गया है। दीपक मवानी की मौत के बाद दिग्विजय सिंह ने उसके घर पहुंचकर ये घोषणा भी कर दी थी कि मवानी की मौत वैक्सीन के कारण ही हुई है। बिना तकनीकी कारण जाने कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का ये बयान देना अपने आपमें भी भ्रम फैलाने वाला है। हालांकि जिस अख़बार की रिपोर्ट का हवाला शुरू में दिग्विजय दे रहे थे, उसमें भी साफ लिखा है कि दीपक मवानी की मौत संदिग्ध ज़हर की वजह से हुई है।

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि “जिस तरह से वॉलियंटर की मौत हुई है, वो कॉर्डियो रेस्पेटरी फेलियर से हुई है, जोकि ज़हर देकर मारने का मामला लगता है, फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है”। कंपनी ने ये बयान गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देकर दिया है। भारत बॉयोटक ने कहा है कि वैक्सीन देने के बाद सात दिनों तक वॉलियंटर के साथ लगातार फ्लोअप होता रहा। वो बिलकुल ठीक था।

दरअसल भारत बॉयोटेक ने ये वैक्सीन आईसीएमआर के साथ मिलकर बनाई गई है। जोकि पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक को-वैक्सीन कोरोना के सभी स्ट्रेन पर कारगर होगी, क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य जीनों के एपीटोप हैं। दूसरी ओर आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि ये वैक्सीन में ब्रिटेन में पाए गए नए वायरस पर भी असरकारक होगी।

हालांकि इसके बावजूद भी कांग्रेस के बड़े नेता लगातार भारत बॉयोटेक की को-वैक्सीन को लगातार निशाना बना रहे हैं। दरअसल दुनिया के पांच देशों ने ही अपनी खुद की वैक्सीन अभी तक बनाई है, जिसमें को-वैक्सीन भी शामिल है। अगर ये वैक्सीन कामयाब होती है तो इससे राजनैतिक तौर पर मोदी सरकार की संभावित बढ़ाई को देखते हुए कांग्रेस के नेता लगातार इस वैक्सीन के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैला रहे हैं।

 

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