#BirdFlu Update: कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू पूरे देश में फैल रहा है, फिलहाल दस राज्यों में ये पशु पक्षियों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बीमारी को लेकर चौकन्ना रहने की जररूत बता रहे हैं। लेकिन ग्राउंड पर काम करने वाले पशु चिकित्सक और अन्य स्टॉफ बर्ड फ्लू वाले इन पक्षियों की पहचान कैसे कर रहा है, आइए हम आपको बताते हैं कि पोल्ट्री फार्म और अन्य जगह जहां आप पक्षी रखते हैं, वहां कैसे पता लगाएं कि आपके यहां तो बर्ड फ्लू ने दस्तखत नहीं दी है।
सबसे पहले आप अपने पक्षियों या पोल्ट्री पर क्लोज़ निगरानी रखें, मुर्गियों में इनकी कलगी और इनके पंजों पर विशेष निगरानी रखें। अगर आपको इनके रंग में बदलाव दिखें तो तुरंत आप इसकी सूचना निकल के पशु चिकित्साल्य या फिर राज्य या केंद्र के हेल्पलाइन नंबर पर दें। बर्ड फ्लू से पक्षियों के रंग ख़ासकर सर और पैरों के रंग में बदलाव आ जाता है। ज्य़ादातर मामलों में वो नीली पड़ जाती है। हालांकि राज्य सरकारों ने बर्ड फ्लू के बढ़ते ख़तरों को देखते हुए पोल्टी फार्मों पर सैंपलिंग शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश में सोमवार को 20 पक्षियों के सैंपल जांच के लिए बरेली लैब भेजे गए। पशु पालन विभाग ऐसी मुर्गियों को चिह्नित कर रहा है जिनके सिर व चोंच के नीचे लाल रंग की कलंगी नीली पड़ गई हो या पंजों की झिल्ली का रंग बदला हो।
राज्य सरकारों ने अपने यहां सभी विदेशी पक्षियों के आने के स्थान और पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी शुरू की है। उत्तर प्रदेश के बरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वीएस तोमर ने बताया कि बर्ड फ्लू वायरस के लक्षण दिखने वाले पक्षियों को तत्काल मारकर उनके सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं। इनके यहां अभी तक 45 पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
इधर चंबल बर्ड सेंचुरी और भरतपुर बर्ड सेंचुरी में भी लगातार निगरानी रखी जा रही है, चुंकि ये विदेशी पक्षियों से ही भारत में आया है। लिहाजा इन पक्षियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।