#FarmerProtest: आंदोलन कर रहे किसानों के बीच राजनैतिक दलों से पैसा लेने और उनके एजेंडे के हिसाब से कार्यक्रम करने का मामला सामने आया है। आम आदमी से जुड़े किसान संगठन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ुनी पर कांग्रेस से 10 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा है। इस आरोप के बाद चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही चढुनी को बाकी सभी महत्वपूर्ण कमेटियों से भी सस्पेंड कर दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की सबसे मुख्य 7 सदस्यीय कमेटी से भी चढूनी को निलंबित किया गया है। उन्हें 19 जनवरी को को केंद्र सरकार से होने वाली बैठक से भी बाहर रखा जाएगा। किसान संगठनों के बीच ये पहला मौका है, जब किसी नेता पर ना सिर्फ आरोप लगा है, बल्कि उसके कारण उसको निलंबित भी कर दिया गया है। चढूनी पर राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात और खुद अपनी तरफ़ से आंदोलन संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप है। गुरुनाम चढूनी पर कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के नेताओं से मुलाकात करने का भी आरोप लगा है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 4 सदस्य समिति बनाई गई है। समिति के सामने अब चढूनी को अपना पक्ष रखना होगा। जांच पूरी होने तक संयुक्त किसान मोर्चा की आंतरिक बैठकों और केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से चढ़ूनी बाहर भी रहेंगे। किसान आंदोलन पर इससे पहले भी विदेशी एजेंसियों से पैसा लेने के आरोप लगते रहे हैं। इसको लेकर एनआईए भी जांच कर रही है। किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के किसानों से बातचीत के लिए बनाई गई समिति से भी किसान संगठनों ने बातचीत से इंकार कर दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा का यह निर्णय ऐसे वक्त सामने आया है, जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे पर अहम सुनवाई होनी है. साथ ही 19 जनवरी को केंद्र सरकार औऱ किसान नेताओं के बीच भी बैठक होनी है। किसान नेताओं ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का भी ऐलान किया है।