तांडव पर आम लोगों के गुस्से के बाद फिल्म के सह निर्माता- निर्देशक अली अब्बास ने लोगों से माफी मांग ली है। साथ ही जिन दृश्यों को लेकर आपत्तियां हैं, उनको भी हटाने का फैसला लिया गया है। ये पहला मौका है जब किसी वेव सीरीज़ ने लोगों के गुस्से के बाद फिल्म के सीन हटाने का फैसला लिया है। इससे पहले वेव सीरीज के कंटेंट पर किसी तरह का कोई कंट्रोल नहीं था।
हालांकि ट्विटर पर अब भी लोगों का गुस्सा इस फिल्म के प्रति कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब्बास के माफीनामे के बावजूद ट्विटर पर लोग इनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
अली ने ट्विटर पर कास्ट और क्रू की ओर से स्टेटमेंट जारी किया था, जिसमें उसने लिखा कि, “हम अपने देश के लोगों की भावनाओं की बेहद कद्र करते हैं। हमारा किसी व्यक्ति, जातीय समुदाय, धर्म और आस्था का अपमान करने या किसी संस्थान, राजनीतिक दल या जीवित या मृत व्यक्ति की बेइज़्ज़ती करने का इरादा नहीं था। तांडव की कास्ट और क्रू ने फ़ैसला किया है कि जिन हिस्सों पर आपत्ति जतायी गयी है, उन्हें बदल दिया जाए। हम सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी हमारा सपोर्ट करने और दिशा दिखाने के लिए आभार व्यक्त करते हैं। अगर सीरीज़ की वजह से अनजाने में किसी का दिल दुखा हो तो हम एक बार फिर माफ़ी मांगते हैं”।
तांडव 15 जनवरी को अमेज़न प्राइम पर स्ट्रीम की गयी थी। सीरीज़ के पहले एपिसोड के एक दृश्य को लेकर विवाद शुरू हुआ, जिसमें मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब सांकेतिक रूप से भगवान शिव के अवतार में थे। इस दृश्य में कुछ ऐसे संवाद थे, जिन पर आपत्ति जतायी गयी है। वहीं, आगे के एपिसोड्स में जातिगत टिप्पणियों पर भी लोगों में भारी नाराज़गी है।
इसके बाद सीरीज़ पर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं का अपमान के आरोपों को लेकर विरोध बढ़ता गया। सोशल मीडिया में मामले को तूल पकड़ता देख इसकी प्रतिक्रिया राजनीतिक गलियारों में भी सुनाई देने लगी। कई नेताओं ने सूचना प्रसारण मंत्रालय से सीरीज़ को ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटाने और बैन करने की मांग की। मेकर्स को क़ानूनी नोटिस भेजे गये और पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ करवायी गयीं। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अमेज़न प्राइम के अधिकारियों को तलब किया। बवाल बढ़ने पर सोमवार शाम को अली अब्बास ज़फ़र ने माफ़ीनामा जारी किया।