#KisanTractorRally: पुलिसवालों ने बरता संयम, 300 पुलिसवाले घायल

#Updaravi: दिल्ली में आज जो हुआ, वो अकल्पनीय और परेशान करने वाला है, हालांकि दिल्ली पुलिस के जवानों ने इस पूरे उपद्रव को बड़ी ही बेहतरीन ढंग से निबटा। पूरे देश में अभी तक कहीं भी इस तरह का आंदोलन हुआ है, वहां पुलिस फाइरिंग में कई उपद्रवी मारे जाते रहे हैं। चाहे वो मेहम कांड,नंदीग्राम या मंदसौर गोलीकांड हो या कोई अन्य। लेकिन पुलिस को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश और डंडों से पिटाई के बावजूद पुलिस ने दंगाइयों पर फाइरिंग नहीं की।

ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में 300 के लगभग पुलिस वाले घायल हुए हैं। जबकि एक उपद्रवी की मौत हो गई। किसान नेताओं ने दावा किया था कि ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण होगा। लेकिन सुबह आठ बजे से ही किसानों ने नियमों को तोड़ना शुरू कर दिया था। सुबह नौ बजे ही इन्होंने गाज़ीपुर बॉर्डर के बैरिकेड तोड़ते हुए उपद्रवी अक्षरधाम पहुंच गए। पुलिस ज्वाइंट कमिशनर आलोग कुमार ने बताया कि सबसे पहले गाज़ीपुर से ही उपद्रवी आगे बढ़ना शुरू हो गए। इसके बाद हमने इन उपद्रवियों को रोका और बात करने की कोशिश की। लेकिन बाद में इन्होंने ट्रैक्टर्स से कुचलने की कोशिश की। कुछ बसों को भी तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद ही उपद्रवी आईटीओ पर पहुंच गए। वहां पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। वहां करीब कई घंटों तक पुलिस के साथ झड़प चलती रही। यहीं पर एक उपद्रवी अपने ही ट्रैक्टर के कुलचने से मारा गया।

इसी तरह सिंधु बार्डर पर पुलिस ने तय रूट से आगे सीमेंट के बड़े बड़े स्लैब रखे थे जोकि तय रूट से आगे रखे गए थे। ताकि ट्रैक्टर रैली पूरी हो सके। लेकिन दंगाइयों ने ये स्लैब भी तो दिए। लाल किले पर पुलिसवालों को तो दंगाइयों से बचने के लिए 10 मीटर ऊंची दीवार से नीचे छलांग लगानी पड़ी। इसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं। नांगलोई में भी उपद्रवियों ने महिला पुलिस कर्मियों को भी नहीं छोड़ी। उपद्रवियों ने वहां बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। उधर मुकरबा चौक पर तो एक महिलापुलिस अधिकारी पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया।  एक एडिशनल डीसीपी रंजीत कुमार पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश भी की गई। 

पुलिस का ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार के मुताबिक सुबह से ही हम कोशिश कर रहे हैं कि हम किसानों को समझा रहे हैं कि वो वापस चले जाएं। लेकिन हमारे ऊपर सुबह से ही अटैक होता रहा।  हालांकि कल रात को ही किसान नेताओं को पता था कि सुबह क्या होने वाला लिहाजा वो सुबह से ही गायब हो गए थे। इधर दिल्ली में किसान आंदोलनों को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 15 कंपनियों को तैनात करने का फैसला लिया है। साथ ही दिल्ली के पुलिस कमीशनर ने भी पुलिस को उपद्रवियोंं से सख्ती से निबटने के लिए कहा है। 

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