#KisanAndolan: किसानों और सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर अगले दौर की बातचीत बजट के अगले दिन की जाएगी। हो सकता है कि उस बैठक में आंदोलन को लेकर कुछ समाधान निकल आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों से फोन की दूरी की बात कहने के बाद अब किसान भी इस मामले को और आगे नहीं बढ़ाना चाह रहे हैं। हालांकि पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी है।
दिल्ली के दो बॉर्डर सिंधु और गाज़ीपुर में किसानों का आंदोलन दो महीने से ज्य़ादा का हो चुका है। दोनों स्थानों पर गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। दूसरी ओर किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फरवरी को तय हुई है।
किसान लगातार कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। दोनों बॉर्डर की सुरक्षा के अलावा सरकार ने इन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। इन इलाकों से लगातार कुछ विडियो आ रहे थे। इससे माहौल खराब होने का ख़तरा पैदा हो रहा था। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की 11 बजे तक तीन सीमाओं और उनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एनएच-24 को बंद कर दिया है।
दरअसल गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद किसान नेता भी हतोस्साहित है, साथ ही इस मामले के हल के लिए खुद प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्री को सार्वजनिक तौर पर निर्देश भी दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा है कि किसानों से कृषि मंत्री सिर्फ एक फोन दूर हैं। हालांकि अपने मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने तिरंगे के अपमान पर दुख भी जताया।
शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, संसद में विभिन्न दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था वो आज भी बरकरार है।
इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों का विरोध करते हुए तनाव बढ़ गया है। गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों ने पहले से तय मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के जवानों के साथ जमकर मारपीट की। इसके अलावा उन्होंने लाल किले में घुसकर धार्मिक झंडा भी लगाया।