#KisanAndolan: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में कई याचिकाएं लगी हुई हैं, जिनमें एक याचिका में घटना की जांच के लिए शीर्ष कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में आयोग बनाने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल किसान नेताओं ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अपनी ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति ली थी। इसके लिए किसान नेताओं ने वादा किया था कि किसी तरह की कोई हिंसा नहीं होगी साथ ही सभी तरह की पुलिस की अनिवार्यताओं को भी माना था। इसके बाद पुलिस ने इन किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी थी। रैली के दौरान दिल्ली में किसानों ने जगह जगह पर तोड़फोड़ कर दी। कई जगह पुलिस और किसानों को बीच झड़प भी हुई। कई किसानों ने पुलिस को ट्रैक्टरों से कुचलने की कोशिश भी की। इस दौरान एक किसान का ट्रैक्टर पलट गया और उसकी मौत भी हो गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया, पुलिस मुख्यालय पर भी पथराव कर दिया गया। साथ ही बड़ी संख्या में वाहनों में तोड़ फोड़ की गई। इस दौरान लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया गया। इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ करेगी।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में हिंसा की जांच के लिए शीर्ष कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया है। तिवारी और वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका समेत घटना से संबंधित कुछ अन्य याचिकाओं पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा।