#IndiaChinaLAC: दोनों देशों के बीच सेनाएं वापस बुलाने पर बनी सहमति: Rajnath Singh

#IndiaChinaFaceOff: भारत को चीन के बीच सीमा पर चल रहा तनाव कुछ कम हो गया है, दोनो देशों की सेनाएं अब पीछे हटने को तैयार हैं, कल चीन के बयान के बाद आज देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि महीनों से जारी भारत चीन सीमा तनाव अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि, LAC के पास लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध अब खत्म हो गया है। राज्यसभा में एक बयान में उन्होंने कहा कि भारत-चीन के बीच LAC के पास पैंगोंग लेक विवाद पर समझौता हो गया है और अब दोनों ही देशों की सेनाएं अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगी। 

दरअसल पिछला साल जुलाई से ही दोनों देशों के बीच पैंगोंग लेक पर पेट्रोलिंग को लेकर विवाद चल रहा है। गलवान में तो दोनो देशो की सेनाओं की खूनी भिंडत भी हुई थी। इसके बाद से ही भारत ने कुछ ऊची चोटियों पर अपनी स्थिति मज़बूत कर ली थी। साथ ही चीन की सेना के जमावड़े को देखते हुए भारत ने भी बड़ी संख्या में सैन्य सामान सीमा पर जमा किया हुआ था। हालत ये थी कि माइनस 40-50 डिग्री तापमान में भी भारत और चीन के सिपाही आमने सामने डटे हुए थे। हालांकि भारत के पास इतनी ठंड में लड़ाई लड़ने का अनुभव अब है। इसकी वजह से ही 9 दौर की कमांडर स्तर की बातचीत के बाद चीन अपनी सेना को पीछे हटाने को तैयार है।  भारत के लगभग एक लाख सैनिक सीमा पर जमा थे। साथ ही टैंक रेजिमेंट भी सीमा पर खड़ी हुई हैं। 

राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सितंबर 2020 से ही भारत और चीन की सेनाओं और राजनैतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील(Pengong Lake) से दक्षिण और उत्तर में समझौता हो गया है। उन्होनें बताया कि दोनों पक्ष अपनी सेनाएं हटाएंगे। राजनाथ सिंह ने बताया कि जब दोनों सेनाएं पूरी तरह से हट जाएंगी। उसके बाद भी 48 घंटे के अंदर दोनों देशों के बीच एक बैठक होगी। चीन फिंगर 8 पर रहेगा और भारत फिंगर 3 पर। ऐसी ही उत्तरी सीमा पर भी किया जाएगा।

राजनाथ सिंह ने बताया कि सीमा पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोलिंग अभी नहीं होगी। समझौता होने के बाद पेट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। कुछ मुद्दे अभी भी बाकी हैं जिन पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी।

भारत-चीन सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा जमा रखा है लेकिन हम अपनी एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन से आग्रह किया गया है कि एलएसीको माना जाए। एलएसीपर मौजूदा परिस्थिति को बदलने का प्रयास ना हो। दोनों पक्ष आपसी सहमति का पालन करें। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि चीन ने पिछले साल एलएसी के आसपास प्रवेश करने की कोशिश की थी, हमने कार्रवाई की। गोला बारूद भी पिछले साल इकठ्ठा किया था। चीन लद्दाख के इलाके में अनाधिकृत तरीके से 1962 से कब्जा बना रहा है, पाकिस्तान ने भी चीन को हमारी जमीन दी है। चीन का अनाधिकृत तरीके से 43 हजार वर्ग किलोमीटर कब्जा है। इससे चीन और भारत के संबंधों पर असर पड़ा है।

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