#IndiaAgainstFakeNews: सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बढ़ रही फेक न्यूज को देखते हुए सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक को सख्त चेतावनी दी है। IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेक न्यूज़ और हिंसा को बढ़ावा देगा तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि, ‘हम सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को ताकत दी है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में भी सोशल मीडिया की भूमिका काफी अहम है, लेकिन अगर इससे फेक न्यूज और हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो हम कार्रवाई करेंगे।
राज्यसभा में में प्रसाद ने कहा, ‘हमने ट्विटर और दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों को देश के नियम-कानून की जानकारी दे दी है। हमने उन्हें कह दिया है कि अगर भारत में बिजनेस करना है तो हमारे नियम-कानून मानने पड़ेंगे। ये कैसे हो सकता है कि कैपिटल हिल्स (अमेरिकी संसद) पर हिंसा के लिए कुछ और नियम अपनाए जाएं और लाल किले पर हुई हिंसा के लिए अलग। अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग पैरामीटर हमें मंजूर नहीं हैं।’ दरअसल सरकार ने ट्विटर को पाकिस्तान से चल रहे 11सौ से ज्य़ादा अकाउंट्स की लिस्ट सौंपी थी। जिनको बंद करना था, लेकिन ट्विटर ने सरकार के तीन बार इस मुद्दे को उठाने के बाद भी इसपर कार्रवाई नहीं की। इसके बाद सरकार इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई है। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और भारत में हिंसा फैलाने के लिए की कोशिश को लेकर सरकार ने ट्विटर और फेसबुक को लिखा था। लेकिन अमेरिकी कंपनी ने इसको नज़रअंदाज किया था।
इस बारे में रविशंकर प्रसाद ने संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि, ‘देश में फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन आर्टिकल 19-A ये भी कहता है कि कुछ विषयों पर जरूरी पाबंदियां होंगी। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत के संविधान को मानना होगा। संविधान सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना का हक तो देता है, लेकिन इन्हें फेक न्यूज फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’