#DineshTrivediResign: ममता बनर्जी को लगा तगड़ा झटका, दिनेश त्रिवेदी ने दिया इस्तीफा

# DineshTrivedi: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भरे सदन में बड़ा झटका लगा जब टीएमसी की ओर से बजट पर भाषण देते हुए ममता के ख़ास रहे दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। अभी तक ममता बनर्जी को कई बड़े नेताओं के साथ साथ 11 विधायकों ने भी छोड़ दिया है। पार्टी से नेताओं का जाना लगा हुआ है। हालांकि इस दौरान ममता बनर्जी भी कई बार अपना आपा खो बैठी है।
उधर TMC ने त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा को जनता के साथ विश्वासघात बताया है, वहीं भाजपा ने उन्हें पार्टी में आने का न्योता दे दिया है। पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बजट पर बोलते हुए अचानक इस्तीफे की घोषणा कर दी, उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा, ‘मेरे बंगाल में अत्याचार बढ़ता जा रहा है और मैं कुछ नहीं कर पा रहा। मुझे यहां बैठे-बैठे अजीब सा लग रहा है। मेरी अंतरात्मा मुझसे बोल रही है कि अगर मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं तो मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए।’ इसके बाद शाम को उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद पार्टी ने उन्हें विश्वासघाती बताया है। TMC के सांसद सुखेंदु एस रॉय ने कहा कि त्रिवेदी का इस्तीफा पार्टी के लिए झटका नहीं है। पार्टी ने उन्हें इतना कुछ दिया, चुनाव हारने के बाद भी ममता बनर्जी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। तृणमूल का मतलब ग्रासरूट (जमीनी स्तर) है। त्रिवेदी के इस्तीफे से एक मौका मिला है कि हम अपने ग्रासरूट लेवल के किसी कार्यकर्ता को राज्यसभा में भेज सकें। उधर पार्टी के लोकसभा सांसद सौगत रॉय ने कहा कि त्रिवेदी जैसे लोग अपने कार्यकाल के दौरान सत्ता का आनंद लेते हैं और चुनाव के समय पार्टी छोड़ देते हैं। अगर उन्हें शिकायत है, तो इस बात को पार्टी के सामने उठानी चाहिए।
बीजेपी ने न्यौता दिया
त्रिवेदी के इस्तीफे पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी में आने का न्यौता दिया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दिनेश त्रिवेदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे अच्छे नेता हैं। भाजपा में शामिल होने के बारे में उनसे कोई बात नहीं हुई है। यदि वह हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि त्रिवेदी का फैसला हालांकि देर से आया है। वह एयरपोर्ट पर मुझसे मिले थे। तब उन्होंने कहा था कि उन्हें ममता बनर्जी की पार्टी में घुटन महसूस होती है।
त्रिवेदी ने अपने भाषण के शुरुआत में कहा, ‘हर मनुष्य के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई है। मैं यहां बैठकर सोच रहा था कि हम राजनीति में क्यों आते हैं? देश के लिए आते हैं। सबसे सर्वोपरि होता है देश। 2 दिन पहले प्रधानमंत्री और गुलाम नबी आजाद भी देश के लिए अपनी भावना व्यक्त कर रहे थे। एक सत्ता पक्ष और एक विपक्ष के थे। जब रेल मंत्री था, उस दिन भी मेरे जीवन में ऐसी ही घड़ी आई थी। जब निर्णय करना पड़ा था कि देश बड़ा है, पक्ष बड़ा है कि खुद अपने आप बड़े हो।’
दिनेश त्रिवेदी बोले, ‘आज भी जब देखते हैं कि देश की क्या परिस्थिति है। पूरी दुनिया हिंदुस्तान की तरफ देखती है। कोविड-19 के दौरान भी दुनिया देख रही थी कि किस तरह से हिंदुस्तान आगे बढ़ता है। बहुत अच्छी तरह हम सब ने मिलकर इससे लड़ाई लड़ी। 130 करोड़ लोगों ने मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन नेतृत्व प्रधानमंत्री का था।’
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से मेरे प्रांत (बंगाल) में हिंसा हो रही है। मुझे यहां बैठे-बैठे अजीब लग रहा है। हम उस प्रांत से आते हैं जहां से रवींद्रनाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस आते हैं। हम सभी जन्मभूमि के लिए ही हैं। इसलिए अब मुझसे ये देखा नहीं जा रहा है। मैं एक पार्टी में हूं और उसके कुछ नियम हैं, लेकिन अब मुझे घुटन महसूस होने लगी है कि हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। उधर, बंगाल में अत्याचार बढ़ रहा है। मेरी आत्मा की आवाज ये कह रही है कि यहां बैठे-बैठे चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते हो तो यहां से इस्तीफा दे दो। मैं बंगाल के लिए आगे काम करता रहूंगा।’
अब तक 11 TMC विधायकों ने भाजपा का हाथ थामा
बंगाल में पिछले 2 महीने में 11 TMC नेताओं ने भाजपा का हाथ थामा है। TMC छोड़कर भाजपा जॉइन करने का सिलसिला 19 दिसंबर से तेज हुआ। तब शुभेंदु अधिकारी के साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायक भाजपा में आ गए थे।

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