#IndianVaccine: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसान संगठनों के पक्ष में बयान देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो अब भारत से कोरोना की वैक्सीन मांग रहे हैं। अपने देश में कोरोना के मामलों से निबटने के लिए वैक्सीन मांगने वाले ट्रूडो ने अब भारत सरकार की किसानों के साथ बातचीत की तारीफ भी की है। साथ ही वैक्सीन के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन भी किया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने कनाडा को वैक्सीन देने का फैसला कर लिया है। कितनी मात्रा में वैक्सीन भेजी जाएगी, अभी इस पर फैसला लिया जाना है। उम्मीद है कि भारत सरकार इसकी जल्द ही घोषणा करेगी। ख़ास बात ये है कि गरीब देशों के साथ साथ अमीर देश भी अब कोरोना वैक्सीन के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कोरोना से निपटने में उनकी मदद मांगी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था।
इससे पहले कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन पर ट्रूडो ने चिंता जताई थी। जिससे भारत ने नाराज़गी जताई थी, इसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा हो गया था। विदेश मंत्रालय ने तत्काल ही उनके बयान को गैर-जरूरी करार दिया था, लेकिन अब ट्रूडो का रुख बदल गया है और उन्होंने किसान यूनियनों के साथ बातचीत के सरकार के कदम की प्रशंसा की है। उन्होंने अपने यहां भारतीय दूतावासों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा का भी भरोसा दिलाया है।
भारत सरकार की ओर से कनाडा को वैक्सीन देने की हामी के बाद कोविशिल्ड बनाने वाली सीरम ने भी कनाडा को वैक्सीन भेजने की तैयार शुरू कर दी है। सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि कनाडा से नियामक की मंजूरी मिलने के बाद एक महीने के भीतर वैक्सीन की सप्लाई कर दी जाएगी। दुनिया में भारत समेत चार और देश ही कोरोना की वैक्सीन बना पाए हैं। भारत की वैक्सीन सभी वैक्सीन में सस्ती और इफेक्टिव मानी जा रही है। साथ ही इसके साइड इफैक्ट भी नहीं दिखे हैं। लिहाजा अब विकसित देश भी भारत से वैक्सीन मंगाने के लिए सरकारी स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ ही अन्य कई कई देशों को वैक्सीन की 2.29 करोड़ डोज भेज चुका है।