#DishaRavi किसान आंदोलन के नाम पर देश की छवि विदेशों में खराब करने के लिए गिरफ्तार दिशा रवि को पता था कि इस मामले में वो गिरफ्तार हो सकती हैं और उनपर आतंकवाद निरोधक एक्ट यूएपीए (UAPA) कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। ग्रेटा थनबर्ग ने जब गलती से टूलकिट सार्वजनिक कर दी थी तो इसके बाद दिशा ने थनबर्ग को एक वॉट्सएप चैट में लिखा था कि उसपर इस कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।
उधर टूलकिट मामले में गिरफ्तारी से छुपकर भाग रही वकील कार्यकर्ता निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट में दाखिल की गई ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी के साथ दाखिल एक दस्तावेज में निकिता जैकब ने दिल्ली पुलिस को दिए बयान का उल्लेख किया गया है। बयान में घटनाओं के बारे में विवरण दिया है। उन्होंने बताया कि 11 जनवरी को पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ जूम कॉल मीटिंग के बारे में लिखा है। उस मीटिंग में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे और होस्ट यानी कि मेजबान ने यह स्पष्ट किया था कि अभियान का कोई राजनीतिक या धार्मिक रंग रूप नही होगा। बातचीत के केंद्र में सिर्फ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे थे। होस्ट ने बताया था कि सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रहेगी।
निकिता ने अपने बयान में कहा कि वो अन्य कई कार्यकर्ताओं की तरह दिल्ली में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के शांतिपूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करने और विरोध के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शोध और प्रचार कर रही थीं। उनका अपना कोई राजनीतिक, धार्मिक या वित्तीय उद्देश्य नहीं था। निकिता ने यह भी कहा कि उनका आम आदमी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है। हालांकि पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन का खालिस्तानी आंदोलन से संबंध हैं, इसी संगठन ने रिहाना को 18 करोड़ रुपये दिए थे। जिसके बाद रिहाना ने आंदोलन के पक्ष में ट्विट किया था।
इस बीच तीन फरवरी की रात का वो वॉट्सऐप चैट सामने आ गया है। इसमें दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गर्इ बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि और स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के बीच हुई थी। चैट से खुलासा हुआ कि ग्रेटा ने जब गलती से टूलकिट ट्वीट कर दिया तो दिशा बुरी तरह डर गई। दिशा को आतंकवाद निरोधक एक्ट यूएपीए (UAPA) आका डर सताने लगा। इससे ये भी पता चलाता है कि दिशा को मालूम था कि वो जो कर रही है, वो देश विरोधी है।