#UPonTarget: देश में नागरिकों को भड़काने के काम में लगे हुए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) ने अब उत्तर प्रदेश में बम धमाकों की योजना तैयार की थी, लेकिन समय रहते इस संगठन के दो आंतकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले ये संगठन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध करवाने में सबसे आगे था। साथ ही इस कानून के विरोध में हिंसा में भी इसी संगठन का हाथ था।
फिलहाल आतंकवादी संगठनों का एक बड़ा धड़ा उत्तर प्रदेश में आतंक फैलाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके लिए जहां उत्तर प्रदेश में विभिन्न आंदोलनों को भड़काने का काम किया जा रहा है। तो दूसरी तरफ लोगों के मन में डर फैलाने के लिए बम विस्फोट भी करने की योजनाएं तैयार हो रही हैं।
दरअसल अभी तक ये वैचारिक आतंकवाद फैलाने का काम में लगा हुआ था। लेकिन पहली बार इसका आतंकी चेहरा सामने आया है। वसंत पंचमी के आसपास लखनऊ में होने वाले हिंदू संगठनों के कार्यक्रमों व महत्वपूर्ण स्थलों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पीएफआइ के दो आतंकी केरल से लखनऊ पहुंच गए थे, फिलहाल वो उन इलाकों की रेकी कर रहे थे। जहां बम धमाके किए जाने थे। लेकिन उनके खौफनाक मंसूबों को पूरा करने से पहले ही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने विस्फोटक व हथियार बरामद कर आतंकी हमले की साजिश नाकाम कर दी। पीएफआइ के निशाने पर कई बड़े नेता भी थे। उनका मकसद देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की सीरियल किलिंग भी था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन व केरल के ही निवासी फिरोज खान को मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे कुकरैल तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। दोनों से पूछताछ में सामने आया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक-साथ आतंकी हमले की साजिश थी। दोनों आरोपित सूबे में वसंत पंचमी के मौके पर धमाकों की योजना में शामिल थे। फिरोज युवकों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग देता था।