#LAC: भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पैंगोंग झील के इलाके से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक सैनिकों को पीछे हटाने का पहला चरण पूरा हो गया है। अब आज भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत का दौर फिर से शुरू होगा।
सैन्य कोर कमांडर स्तर की दसवें दौर की यह वार्ता भारत के चुशूल सेक्टर के करीब चीन के मोल्डो में होगी। सैन्य कमांडरों की यह वार्ता बेहद अहम है क्योंकि इसमें पूर्वी लद्दाख में LAC पर टकराव के दूसरे अग्रिम मोर्चों से सैनिकों को हटाए जाने पर बातचीत होगी। दरअसल भारतीय सैनिकों के कैलाश रेंज पर कब्जे के बाद ही चीन ने भारतीय इलाकों को छोड़ने और पैंगोंग लेक से पीछे हटने की बात मानी है। आज की बैठक में दिपसांग वैली, गोगरा और हॉट स्प्रिंग पर सेनाओं को पीछे हटाने पर होगी।
चीन का कबूलनामा
लद्दाख में अपनी सेना को पीछे हटाने के लिए मज़बूर हुए चीन ने अब गलवान में अपने सैनिकों के मारे जाने को भी कबूल कर लिया है। इससे पहले चीन ने कभी नहीं माना की गलवान में उसके सैनिक भी शहीद हुए हैं। हालांकि सूत्रों से पता चला था कि उसके करीब 35 से 40 सैनिक इस झड़प में मारे गए थे।
पिछले साल वर्ष जून में लद्दाख की गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए थे। चीन के अखबार पिपुल्स डेली अखबार के एक ट्वीट के हवाले से एएनआई ने इसकी जानकारी दी है। अखबार ने लिखा है कि चीन ने इस पहली बार न सिर्फ ये बात मानी है बल्कि इन जवानों को मरणोपरांत पदक देने का भी एलान किया है। इस झड़प में चीन की आर्मी का एक कर्नल भी घायल हो गया था।
आपको यहां पर बता दें कि गलवन वैली में ये झड़प उस वक्त हुई थी जब भारतीय सैनिक अपनी सीमा से चीनी सैनिकों को वापस जाने के लिए कहने गए थे। इसी दौरान चीनी सैनिकों ने कंटीले तार लगी हुई लोहे की रॉड से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया था। इस खूनी झड़प में भारतीय सैनिकों ने चीन को करारा जवाब दिया था। हालांकि इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प के बाद एक अमेरिकी रिपोर्ट में बताया गया था कि इस खूनी झड़प में चीन के करीब 30-40 जवान मारे गए हैं। हालांकि चीन ने कभी इनका कोई जिक्र नहीं किया था। चीन के कुछ अखबारों में ये जरूर कहा गया था कि इसमें कुछ जवान मारे गए हैं, लेकिन इनकी गिनती कभी नहीं बताई गई थी। अब ऐसा पहली बार हुआ है कि इनके बारे में चीन ने सच्चाई कबूल की है।
गलवन की इस घटना के बाद से ही लद्दाख समेत पूरी भारत चीन की सीमा पर जबरदस्त तनाव दिखाई दिया था, सर्दियों में भी भारत चीन की सीमा आमने सामने जमी रहीं। लेकिन अब बातचीत के बाद दोनों देशों ने सेनाओं को पीछे हटाना शुरू कर दिया है।