#SachinVaze: एक महिला जो नोट गिनने वाली मशीन के साथ आई थी होटल

#MukeshAmbani: एंटीलिया केस NIA को एक महिला की तलाश है, जोकि जिलेटिन की छड़ें रखने से दो दिन पहले वझे के साथ होटल में नज़र आई थी। उस महिला के पास नोट गिनने वाली मशीन थी। दूसरी ओर NIA ने मुंबई सचिन वझे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) लगाया है।

दरअसल NIA ने दो दिन पहले एक फाइव स्टार होटल में की गई छापेमारी की थी। उसकी CCTV जांच में पता चला है कि सस्पेंड API सचिन वझे जिस दौरान होटल में ठहरे थे, उस बीच एक महिला उनसे मिलने आई थी। उस महिला के पास नोट गिनने वाली मशीन थी। NIA को शक है यह महिला इस पूरी साजिश में वझे के साथ थी। इसलिए इस महिला की तलाश तेज कर दी है।

सचिन वझे 16 फरवरी से 20 फरवरी तक नकली नाम, फर्जी आधार कार्ड और फोटो दिखाकर मुंबई के होटल ट्राइडेंट में ठहरे थे। सोमवार को NIA वझे को लेकर यहां आई थी और करीब तीन घंटे तक सीन रीक्रिएशन करवाया। इस दौरान CCTV फुटेज की जांच हुई और स्टाफ के लोगों के बयान दर्ज किए गए। वझे को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से बरामद जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

CCTV फुटेज की जांच में पता चला है कि वझे जब होटल में आए थे तब उनके पास पांच बैग थे, जिनमें से एक बैग में जिलेटिन होने का भी शक है। साथ ही आशंका है कि उनसे मिलने आई महिला को विस्फोटक रखने की पूरी साजिश की जानकारी थी। सूत्रों के मुताबिक वझे ने महिला के बारे में NIA को जानकारी दे दी है।

वझे के साथ काम करने वाला पुलिस कर्मी रियाज काजी सरकारी गवाह बन गया है। वझे की सोसाइटी से काजी ने ही CCTV फुटेज जब्त किया था। NIA ने स्पेशल कोर्ट में इसकी जानकारी दी है। NIA काजी से अब तक 4 बार पूछताछ कर चुकी है।

दूसरी ओर मनसुख हिरेन की मौत के मामले में NIA ने दो आरोपियों की कस्टडी ली है। मुंबई ATS ने इन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ATS ने इन गिरफ्तारियों के बाद मनसुख हिरेन की मौत के मामले को सुलझाने का दावा किया था। ATS ने हिरेन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंदे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था।

इससे पहले आज हीठाणे सेशन कोर्ट ने महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) को आदेश दिया कि इस केस की जांच रोककर इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दें। NIA ने कोर्ट में अपील की थी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश बावजूद ATS उसे जांच हैंडओवर नहीं कर रही है।

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