#MandirBreakInBenglaDesh: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर में पूजा करना इस्लामिक कट्टरपंथियों को इतना नागवार गुजरा है कि एक हिंदु इलाके में मंदिर को तोड़ दिया गया है। साथ ही दंगों में अभी तक 10 लोग मारे जा चुके हैं। इस्लामिक कट्टरपंथी ग्रुप हथियारों के साथ हिंसा कर रहे हैं। चटगांव में ब्राह्मनबरिया इलाका जला दिया गया है। वहां जो लोग कलमा पढ़ पा रहा है सिर्फ उसे छोड़ा जा रहा है और बाकियों को मारा जा रहा है।
बांग्लादेश के मुस्लिम कट्टरपंथी गुट हिफाजत-ए-इस्लाम के हथियार बंद समर्थकों ने वहां एक मंदिर को तोड़ डाला हा। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मदरसों की सहायता से मंदिर में रखी मां काली और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को तोड़ डाली है। इस हिंसा में अब तक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए हैं।
हिफाजत-ए-इस्लाम के समर्थकों ने पुलिस स्टेशन, पब्लिक ऑफिस, प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी के कार्यालय और बसों को तोड़ा है, एक ट्रेन के 15 डिब्बों को तहस नहस कर डाला है। इस्लामिक कट्टरपंथियों के आतंक का असर यह रहा कि ऑफिस, पुलिस स्टेशन जल रहे थे लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम वहां तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
हिफाजत के गुंडों ने ब्राह्मनबरिया के सबसे बड़े मंदिर श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर पर हमला कर दिया। उन्होंने मूर्तियों को मंदिर में से उखाड़ दिया और उन्हें तोड़ दिया। मंदिर में लगे दान पात्र और अन्य सामानों को भी लूट लिया। मंदिर कमिटी के अध्यक्ष आशीष पॉल ने कहा, ‘हम डोल पूर्णिमा पर पूजा कर रहे थे, इसी बीच 200 से 300 हथियारबंद लोग पहुंचे और मंदिर के गेट को तोड़ दिया। वे हमारे कार्यक्रम में घुस आए। हमने मां काली की मूर्ति को बचाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने हमें एक तरफ ढकेल दिया और मूर्ति को तोड़ दिया।’
बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम पीएम मोदी की यात्रा के विरोध में पिछले 4 दिनों से देश में विरोधप्रदर्शन कर रहे हैं और अराजकता फैला रहे हैं। हिंसा पर बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमान ने कहा है कि किसी को भी बलवा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जानमाल को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हिफाजत अपनी हिंसा को बंद कर दे नहीं तो सरकार सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएगी।
हिंसा में मदरसा छात्रों के इस्तेमाल पर बांग्लादेशी गृहमंत्री ने कहा कि हिफाजत के लोग अनाथ और नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल देश को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अराजकतावाद है। धर्म के नाम पर मदरसा छात्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस हिंसा का आलम यह रहा कि एक पत्रकार को कट्टरपंथियों पकड़ लिया था और सफलतापूर्वक कलमा पढ़ने पर ही उसे छोड़ा।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के खिलाफ इस्लामिक गुटों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। उनके लौटने के बाद इन मौतों को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। मोदी बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जश्न के मौके पर पहुंचे थे।