#CoronaUpdate: महाराष्ट्र में रविवार को लगे लॉकडाउन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने सामने आ गई हैं। जहां महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार ने लॉकडाउन नहीं लगाने की हिदायत को नज़रअंदाज कर दिया। वहीं केंद्र सरकार को इस फैसले की जानकारी भी नहीं दी गई। इसको लेकर अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय टीमें बनाकर महाराष्ट्र समेत ज्य़ादा प्रभावित राज्यों में भेजने का फैसला किया है।
दरअसल केंद्र सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन ना लगाने की हिदायत के बावजूद महाराष्ट्र ने रविवार को पूरे राज्य में लॉकडाउन लगा दिया। केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 15 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन की बजाए कंटेनमेंट ज़ोन बनाना ज्य़ादा बेहतर विकल्प है। उन्होंने लिखा था कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन या फिर कर्फ्यू का असर बहुत ही सीमित होता है। दूसरी ओर क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस एक दिन के लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार को करीब 40 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है।
दूसरी ओर हाल ही में कैबिनेट सचिव के साथ हुई बैठक में भी राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन के बारे में कुछ नहीं बताया गया। हालांकि इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के साथ बहुत सारे मुद्दों पर बात हुई। लेकिन राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने जा रही है। इसपर केंद्र सरकार को पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को एक लाख से अधिक आए कोरोना केस में महाराष्ट्र के सबसे ज्य़ादा केस थे। यहां 50 हज़ार से ज्य़ादा केस सामने आए थे। इससे पहले भी लगातार महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति खराब ही रही है। इसको लेकर भी शुक्रवार को राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में महाराष्ट्र सरकार के साथ लंबी चौड़ी बातचीत की गई थी। जिसमें कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए कहा गया था। लेकिन राज्य सरकार ने इसकी बजाए लॉकडाउन का सहारा लिया।