#HappyRamnavmi: कोरोना महामारी के बीच देश में रामनवमी मनाई जा रही है। चैत्र नवरात्र की अंतिम तिथि नवमी है। इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। श्रीराम के जन्म के समय सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि का विशेष योग बना था। इस साल भी इन ग्रहों का शुभ योग बन रहा है।
आचार्य अमन गोस्वामी के मुताबिक जब श्रीराम का जन्म हुआ, उस समय सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में थे। इस वर्ष नवमी के दिन यानि 21 अप्रैल को सूर्य, बुध और शुक्र ये तीनों एक साथ मेष राशि में रहेंगे। गुरु, कुंभ में और शनि मकर राशि में रहेगा। ये एक बहुत ही अच्छा योग है। इन 5 ग्रहों के अच्छे योग की वजह से राम नवमी शुभ फल देने वाली रहेगी। ये दिन पूजा-पाठ और खरीदारी के बहुत शुभ माना गया है। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से श्रीराम के मंदिर नहीं जा सकते हैं। लिहाजा घर पर ही पूजा करें।
इस दिन श्रीराम के बाल स्वरूप रामलला के साथ ही पूरे राम दरबार की पूजा अर्चना की जा सकती है। पूजा में श्रीरामचंद्राय नम: और श्रीराम, सीताराम आदि मंत्र के साथ सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। सुबह घर की घर की साफ-सफाई जरूर करें। फिर नहाएं और मंदिर को भी जरूर साफ करें। घर और मंदिर को फूलों वंदनवार, रंगोली जो भी उपलब्ध हो उससे सजाएं। पूजा में श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमानजी को पानी, रोली और चंदन चढ़ाएं और जल से अभिषेक करें। इस दिन प्रभू श्रीराम की कथा सुनना विशेष लाभकारी होता है। दान दक्षिणा भी करें। चैत्र नवरात्र समाप्त होने पर छोटी कन्याओं को नए वस्त्र, खाने की चीजें, पढ़ाई से जुड़ी चीजें देने की परंपरा भी रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं, अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट का जिक्र भी किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि, “आज रामनवमी है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का हम सभी को यही संदेश है कि मर्यादाओं का पालन करें। कोरोना के इस संकट काल में, कोरोना से बचने के जो भी उपाय हैं, कृपया करके उनका पालन कीजिए। ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ के मंत्र को याद रखिए।