#Covaxin: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी बचाव करती है। ICMR ने कहा कि ब्राजील वैरिएंट, UK वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन काफी असरदार है। तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों में Covaxin 78 प्रतिशत तक प्रभावी रही है। ख़ास बात ये है कि इस वैक्सीन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग लगातार सवाल उठाता रहा था। इसकी वजह से लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर संशय हो गया था।
फिलहाल देश में चल रही कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए डबल म्यूटेंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह न केवल तेजी से फैल रहा है। बल्कि कम समय रोगी को बहुत ज्यादा नुकसान भी पहुंचा देता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी बचाव करती है। ICMR ने कहा कि ब्राजील वैरिएंट, UK वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन काफी असरदार है। तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों में Covaxin 78 प्रतिशत तक प्रभावी रही है। ख़ास बात ये है कि इस वैक्सीन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग लगातार सवाल उठाता रहा था। इसकी वजह से लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर संशय हो गया था। फिलहाल देश में चल रही कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए डबल म्यूटेंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह न केवल तेजी से फैल रहा है। बल्कि कम समय रोगी को बहुत ज्यादा नुकसान भी पहुंचा देता है।
Covaxin बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी Bharat Biotech और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने वैक्सीन के तीसरे फेज की अंतरिम क्लिनिकल ट्रायल रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट में कोवैक्सिन को क्लिनिकली 78% और कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर 100% तक प्रभावी बताया गया है। कंपनी ने अपने दूसरे विश्लेषण में कोरोना के 87 सिंप्टम्स पर रिसर्च किया था। लेकिन बाद में कंपनी ने तीसरे फेज के लिए 127 लक्षणों पर विश्लेषण किया। इसमें कोवैक्सिन की एफिकेसी यानि प्रभाव 78% तक पाया गया। कंपनी वैक्सीन के अंतिम रिपोर्ट जून में जारी करेगी। तीसरे फेज की स्टडी में 18-98 साल के बीच के 25,800 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें 10% 60 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल हुए।
दुनिया में सबसे बेहतर है Covaxin
भारत बायोटेक ने Covaxin में इनएक्टिवेटेड कोरोना वायरस को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, जो शरीर में बढ़ता नहीं है पर लड़ने के लिए एंटीबॉडी जरूर तैयार कर देता है। अच्छी बात यह है कि यह पूरे वायरस को निशाना बनाता है, जिससे उसमें होने वाले बदलावों पर भी यह कारगर है। Covaxin दुनिया का पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसमें सभी वैरिएंट्स से लड़ने की शक्ति है।
अंतरिम ट्रायल के मुताबिक यह वैक्सीन 81% तक असरदार साबित हुई है। सरकार ने जनवरी के पहले हफ्ते में वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग लगातार वैक्सीन को लेकर सवाल उठा रहा था। जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्यों ने इस वैक्सीन को अपने यहां लगाने तक से मना कर दिया था।
हैदराबाद की कंपनी Bharat Biotech ने ICMR के साथ मिलकर यह वैक्सीन डेवलप की है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई मंत्रियों ने हाल ही में Covaxin के ही डोज लिए हैं। ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि 8 महीने से भी कम समय में प्रभावी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin विकसित की है और यह आत्मनिर्भर भारत की सही तस्वीर पेश करती है।
सभी वैरिएंट्स के खिलाफ कोवैक्सिन कारगर
Bharat Biotech के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्णा एल्ला का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल्स के तीनों फेज में 27 हजार वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का प्रयोग किया है। फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजों के साथ यह साबित हो गया है कि Covaxin कोरोनावायरस के खिलाफ असरदार है। यह वैक्सीन तेजी से सामने आ रहे कोरोनावायरस के अन्य वैरिएंट्स के खिलाफ भी कारगर है।
कोवैक्सिन का वेस्टेज भी कम
Covaxin या BBV152 एक व्होल वायरॉन इनएक्टिवेटेड SARS-CoV-2 वैक्सीन है। इसे वेरो सेल्स से बनाया गया है। यह 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टेबल रहती है और रेडी-टु-यूज लिक्विड फॉर्मेशन में ट्रांसपोर्ट की जा रही है। मौजूदा वैक्सीन सप्लाई चेन चैनल्स के लिए यह उपयुक्त है। BBV152 के साथ 28 दिन की ओपन वायल पॉलिसी भी है, जो वैक्सीन के वेस्टेज को 10-30% तक कम करती है।