#Vaccination: कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन को तेज़ कर दिया है। मंगवाल को देश में कोरोना वैक्सीनेशन के 71 हज़ार सेंटर्स पर 29 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। एक दिन में लगाए जाने वाले वैक्सीनेशन सेंटर की ये सबसे बड़ी संख्या है। देश में अभी तक 13 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
इससे पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन को लेकर वैक्सीन उत्पादन कंपनियों को भरोसा दिया था कि उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनियों को जो चाहिए वो सरकार उन्हें उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री ने देश भर के वैक्सीन उत्पादन कंपनियों के प्रमुखों से वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कहा कि निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे ने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई है और आने वाले दिनों में निजी क्षेत्र वैक्सीनेशन अभियान में और भी अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने टीका निर्माताओं को हरसंभव मदद और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही टीके की मंजूरी की प्रक्रिया भी तेज और वैज्ञानिक बनाने का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने टीका निर्माताओं की उपलब्धियों और उनकी व्यवसायिक कुशलता की सराहना की और कहा कि उनकी क्षमताओं पर विश्वास जताते हुए ही सरकार ने एक मई से 18 साल के ऊपर के लोगों के टीकाकरण कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
दरअसल वैक्सीनेशन की महामारी को हराने का एकमात्र उपाय अभी है। साथ ही देश में दो खुद की वैक्सीन भी है। लिहाजा वैक्सीनेशन जल्द से जल्द पूरा कर इस बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिशों में सरकार लगी हुई है। जहां एक ओर बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन सेंटरर्स में वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने 18 साल से ऊपर वालों को भी वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है। साथ ही रूस की वैक्सीन स्पूतनिकV को भी मंजूरी मिल गई है। अगले महीने से देश में तीन वैक्सीन लगनी शुरू हो सकती है।
वैक्सीन उत्पादक कंपियों के साथ बात करते हुए प्रधानमंत्री ने रिकार्ड समय में टीकों को विकसित करने और उनका उत्पादन करने का श्रेय टीका निर्माता कंपनियों को देते हुए कहा कि भारत में निर्मित टीके विश्व में सबसे सस्ते हैं।