कोरोना महामारी के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन लोगों को ऑक्सीजन के घटने की आशंका लग रही है या मन में डर लग रहा है, उन्हें योग का करना चाहिए। ख़ासकर अनुलोम-विलोम और प्राणायाम इससे फेफड़ों को ताकत मिलेगी। शरीर को ज्य़ादा ऑक्सीजन और हमारा शरीर बेहतर काम करेगा।
एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन, एम्स में मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर नवनीत विग और नेशनल हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सुनील कुमार ने हाल ही में कोरोना संक्रमण, इलाज, ऑक्सिजन की जरूरत पर विस्तार से बातचीत की थी। इस चर्चा में कहा गया था कि अगर कोरोना पॉजिटिव हो गए तो क्या करना चाहिए। ऑक्सिजन लेवल कैसे बढ़ाया जा सकता है। यह भी बताया कि कब मरीज को मेडिकल ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है और कैसे तनाव को कम किया जाए।
इस चर्चा में योग पर विशेष ज़ोर दिया गया था। जिससे ऑक्सिजन लेवल सही रहने की बात खुद डॉक्टर नरेश त्रेहन ने कही। ख़ास बात ये है कि अभी तक योगगुरू या योगाचार्य ही ऐसा करते थे और कई बार एलोपैथी के डॉक्टर्स इसको नजरअंदाज करते थे। चर्चा में डॉक्टर त्रेहन ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आते ही स्थानीय डॉक्टर से संपर्क करें। इस बीमारी में 90% से ज्यादा लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मरीजों को बहुत फायदा होता है क्योंकि लंबी सांस लेकर रोकने से फेफड़े में ऑक्सिजन की ज्यादा मात्रा पहुंचती है। इससे फेफड़ा मजबूत होता है। जिसकी इस बीमारी में काफी जरूरत होती है।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बताया कि गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज से फायदा मिलेगा। दरअसल देश में ऑक्सीजन स्तर थोड़ा बहुत भी कम होने से लोग पैनिक हो रहे हैं और अस्पतालों की ओर भाग रहे हैं। उन्होंने ऑक्सिजन को लेकर भ्रम को भी दूर किया। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि, ‘कई लोग यह समझते हैं कि कल मेरी ऑक्सिजन सेचुरेशन 98 थी और आज 97 हो गई, इसका मतलब है कि ऑक्सिजन लेवल कम होने लगा है। इसलिए ऑक्सिजन की जरूरत है। इसलिए आपको समझना चाहिए कि अगर आपके शरीर में ऑक्सिजन सेचुरेशन 94, 95, 97 है तो आपको ऑक्सिजन की कोई जरूरत नहीं है। अगर आपको लगे कि सांस लेने में तकलीफ हो रही है, सीने में इन्फेक्शन है तो गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें। पेट के बल लेटेंगे तो भी आपकी सेचुरेशन बढ़ जाएगी।’
जो हम आम लक्षण देखते हैं कोविड में वो हैं- बुखार, जुकाम, नजला, गले में खराश, खांसी है। ऐसे में बुखार के लिए पैरासेटमॉल, जुकाम के लिए एंटी एलर्जिक ले लें कोई, खांसी के लिए कोई भी कफ सिरफ ले लें। साथ में नमक के गरारे और भांप ले सकते हैं दिन में दो दफा। इससे कई मरीजों को आराम मिलता है। डॉ. गुलेरिया के मुताबिक, “कई मरीज ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि पैरासेटमॉल से उनका बुखार नीचे नहीं आ रहा। 101-102 डिग्री बुखार रह रहा है। अगर आपका बुखार पैरासेटमॉल-650 से कम नहीं हो रहा है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वह कोई नेप्रोक्सॉन जैसी कोई दवा दे सकते हैं जो लंबे वक्त तक लगातार बुखार के केस में दी जाती हैं।