#OxygenChor: कौन चुरा रहा है दिल्ली की ऑक्सीजन और दवाएं ?

#KhanMarket: देश की राजधानी दिल्ली में दवाओं और ऑक्सीजन (Medicine and Oxygen) के हाहाकार के पीछे राजनैतिक और रसूख वाले लोगों की जमाखोरी (Hording) सामने नज़र आ रही है। जहां आम आदमी पार्टी के मंत्री इमरान हुसैन के कार्यालय (Imran Hussain Office) से 637 ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए हैं। वहीं दूसरी ओर ख़ान मार्केट में खान चाचा के नाम से मशहूर रेस्ट्रां से भी 100 से ज्य़ादा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर बरामद हुए हैं। दिल्ली बीजेपी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में जो लोगों को परेशानी हो रही है। उसके पीछे आम आदमी पार्टी का हाथ है। इधर दिल्ली पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।

कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही दिल्ली में बड़ी मात्रा में दवाएं और ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों की जमाखोरी शुरू हो गई थी। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी के लिए आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रही थी। जहां एक ओर जहां वो ऑक्सीजन सप्लाई के लिए केंद्र के खिलाफ हाईकोर्ट चली गई थी। वहीं दूसरी ओर उसके मंत्री दिल्ली में ऑक्सीजन की जमाखोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं। इसको देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इमरान हुसैन को नोटिस भी जारी कर दिया है। इमरान हुसैन के बल्लीमारान ऑफिस से 637 ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए है।

दूसरी ओर लुटियन इलाके में रसूख रखने वाले नवनीत कालरा के खान मार्केट रेस्ट्रां से 100 से ज्य़ादा कंस्ट्रेटर बरामद हुए हैं। पुलिस ने एक टिप के आधार पर इस रेस्ट्रां में छापा मारा तो यहां बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर छुपाकर रखे हुए थे। एक ओर जहां लोगों को ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मिल नहीं रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जमाखोर इन वस्तुओं को कई गुना मंहगे दाम पर बेच रहे थे। चुंकि मामला में बहुत से तार राजनैतिक लोगों के भी जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने अब इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है।

इस बारे में दिल्ली के सांसद रमेश बिधुड़ी ने www.theekhabar.com को बताया कि ये प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश है। ताकि लोगों को इसपर भरोसा उठ जाए। 600 सिलेंडर जमा करने का मतलब है कि 600 लोगों की मौत का जिम्मेदार केजरीवाल है। अभी तक केजरीवाल सरकार ने इमरान हुसैन को अभी तक नहीं निकाला है। केजरीवाल को इस बात का जवाब दिल्ली और देश की जनता को देना चाहिए। लेकिन उनको एक वर्ग विशेष की वोटों की चिंता ज्य़ादा है।

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