#MamataBanerjee: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ के बंगाल के हिंसा प्रभावित जिलों का दौरे की राज्य प्रशासन द्वारा अनदेखी करने के बाद अब राज्यपाल ने अपना दौरा खुद ही घोषित कर दिया है। इससे परेशान ममता बनर्जी ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए चिट्ठी भी लिख दी है। राज्यपाल गुरुवार से हिंसा प्रभावित उन जिलों का दौरा करेंगे, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की जानें गई हैं और कई लोग जान बचाकर असम में भागकर गए हैं।
राज्यपाल के पीड़ित लोगों से मुलाकात करने की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी परेशान हो गई हैं। हालांकि गृह मंत्रालय के पत्र का जवाब तो ममता ने नहीं दिया। लेकिन अब राज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्यपाल का दौरा जिला और राज्य सरकार के अफसरों से चर्चा के बाद तय होता है। गवर्नर प्रोटोकॉल के खिलाफ जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी कई बार प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों तक पर हमले हो चुके हैं। उनको रोकने में ममता सरकार ज्य़ादातर नाकाम रही है।
ममता बनर्जी ने अपने पहले लिखे पत्रों का जिक्र करते हुए गवर्नर को सीधे अधिकारियों से बात नहीं करने के लिए कहा है। साथ ही ये भी लिखा है कि वो इसके लिए मुख्य सचिव को भी अधिकारियों से बात नहीं करने के निर्देश दे रही हैं।
इधर चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों के गांवों का दौरा करने का ऐलान राज्यपाल जगदीप धनकड़ कर चुके हैं। राज्यपाल धनखड़ 13 मई को बंगाल के सीतलकुची और कूचबिहार के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाएंगे। साथ ही वो 14 मई को वह असम के रनपगली और श्रीरामपुर कैंप में रह रहे बंगाल के लोगों से भी मिलेंगे। राज्यपाल ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि वह BSF के हेलीकॉप्टर से हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे।
ममता बनर्जी ने लिखा है कि उन्हें सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि गवर्नर 13 मई को जिलों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल लंबे समय से चले आ रहे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। दरअसल राज्य में टीएमसी के चुनाव जीतने के बाद टीएमसी के लोगों ने जमकर हिंसा की थी। इसमें 16 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें ज्य़ादातर बीजेपी के कार्यकर्त्ता थे। इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार को इस दौरे का प्रबंध करने के लिए कहा था। लेकिन राज्य प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आने के बाद उन्होंने खुद वहां जाना तय किया है।