हरेन्द्र नेगी
केदारनाथ धाम में दो दिनों से हो रही जमकर बर्फबारी
निचले इलाकों में मूसलाधार बारिश होने से किसान परेशान
बारिश और बर्फबारी होने से धाम में कपाट खुलने की तैयारियों में जुटे कर्मचारियों की बढ़ी दिक्कतें
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में दो दिनों से जमकर बर्फबारी हो रही है। मई माह में वैसे धाम में कम ही बर्फबारी होती है। लेकिन इस बार लगातार धाम में मई माह में बर्फ गिर रही है। मौसम खराब होने के चलते केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। इसके अलावा धाम में ठंड का भी प्रकोप बढ़ गया है। वहीं दूसरी ओर बर्फबारी और बारिश के बावजूद भी स्वामी ललित रामदास महाराज बाबा की भक्ति में लीन है। इधर हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले इलाकों में तेज हवाओं और बादलों की गर्जनाओं के साथ बारिश शुरू होने से तापमान गिर गया है। केदार घाटी में मौसम के बार-बार करवट लेने से काश्तकारों को भविष्य की चिंता सताने लगी है।
केदारघाटी में मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। केदारघाटी, कालीमठ घाटी, मदमहेश्वर घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बीते दो दिनों जमकर बर्फबारी होने से निचले इलाकों में ठंड हो गई है। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी बाधित होने के साथ ही आगामी 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियों में जुटे देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों कर्मचारियों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। तुंगनाथ घाटी क्यूंजा घाटी सहित अधिकांश इलाकों में मौसम के बार-बार बदलने से किसानों के सपने चकनाचूर हो गये हैं। किसानों को भय है कि यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमांत गांवों में गेहूं की फसल के साथ ही साग भाजी की फसल तथा मंडुवा की बुवाई चौपट हो सकती है और उनके सामने दो जून रोटी का संकट खड़ा हो सकता हो जायेगा। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से भेड़ पालकों की परेशानियां निरन्तर बढ़ती जा रही हैं और बुग्यालों में हरियाली न उगने के कारण भेड़.बकरियों के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। वहीं केदारनाथ धाम में हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़ गए हैं। इन दिनों धाम में शंकराचार्य समाधि स्थलए तीर्थ पुरोहित भवन और घाट का निर्माण चल रहा हैए मगर धाम में हो रही बारिश ने निर्माण में खलल पैदा कर दिया है। ऐसे में धाम में निर्माण कार्य होना मुश्किल है। इधर केदारनाथ धाम में वर्षो से सालभर तक भगवान की तपस्या में लीन रहने वाले स्वामी ललित रामदास महाराज बाबा की भक्ति में लीन हैं। 11700 फीट की ऊंचाई पर बाबा केदार का धाम है और यह एक पवित्र स्थान है। स्वामी ललित रामदास महाराज की माने तो इस स्थान पर योगए साधना करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते हैं। जिस प्रकार से वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ठीक उसी प्रकार इस कोरोना महामारी के बाद बहुत बड़ा परिवर्तन समाज में देखने को मिलेगा।
2021-05-13
Jai Baba Kedar