#CoronaUpdates: देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को अगले कुछ महीनों तक कम करने के लिए सरकारी पैनल ने वैक्सीन की डोज के बीच में अंतर को और बढ़ाने की सिफारिश की है। पहले वैक्सीन की दोनों खुराक के बीच में 28 दिनों का अंतर था, जोकि बाद में बढ़ाकर 42 दिन तक कर दिया गया। अब सरकारी पैनल ने इसको बढ़ाकर 90 दिन करने की सिफारिश की है। दूसरी ओर भारत में अभी तक लगभग 18 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं। जोकि दुनिया में किसी भी देश में लगने वाली वैक्सीन में सबसे तेज़ी से लगी हैं। देश में रोज़ाना लगभग 20 लाख लोगों को रोज़ वैक्सीन लग रही है।
सूत्रों के मुताबिक देश में वैक्सीन की किल्लत है। ऐसे में अगर एक डोज के बाद दूसरी डोज के बीच में अंतर बढ़ने पर वैक्सीन उत्पादक कंपनियों के पास अपना उत्पादन बढ़ाने का समय मिल जाएगा। पैनल का कहना है कि कोविशील्ड की दोनों डोज के तीन से चार महीने का गैप होना चाहिए। हालांकि कहा जा रहा है कि यह सिफारिश वैक्सीन की कमी के कारण से की गई है। पीटीआई के मुताबिक इसके अलावा सरकारी पैनल ने ये भी सिफारिश की है कि कोरोना मरीजों को रिकवर होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए।
दरअसल देश में कई राज्यों में वैक्सीन तेज़ी से खत्म हो रही है। दूसरी ओर 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की शुरूआत करने से वैक्सीन की मांग बहुत तेज़ी से बढ़ी है। लेकिन उत्पादन उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ पाया है। हालांकि अब सरकार ने कई ओर प्लांट्स में कौवैक्सीन उत्पादन शुरू करने पर काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में और कुछ प्लांट्स में उत्पादन शुरू हो जाएगा। तब तक पहली डोज़ वालों को दूसरी डोज़ का नंबर आएगा तो सबको वैक्सीन लग जाएगी।
भारत में अभी दो तरह के वैक्सीन अभियान चल रहे हैं। केंद्र सरकार 45 साल अधिक उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन दे रही है। जबकि 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर को भी वैक्सीन खरीदने की अनुमति दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कोटा तय कर दिया है, ताकि सभी राज्यों को उसकी जनसंख्या के हिसाब से टीका मिले। लेकिन इसके बाद भी वैक्सीन की मांग ज्य़ादा है और सप्लाई कम है।