#SriBadrinath: बद्रीनाथ के कपाट खुले, चारों धाम की पूजा हुई शुरू

#CharDhamYatra: भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धाम खुल गए हैं। आज प्रातः 4:15 पर पूर्व निर्धारित शुभ मुहूर्त और लग्न के अनुसार ब्रह्म बेला में विधि विधान के साथ वेद मंत्रोच्चार के बीच कपाट खोल दिए गए  हैं। इस दौरान सीमित संख्या में मौजूद सभी भक्तों ने कपाट खुलने के साथ ही भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह में अखंड ज्योति के दर्शन का पुण्य लाभ लिया। कपाट खुलने के साथ ही भगवान बद्री विशाल के उत्सव विग्रह उद्धव जी, कुबेर जी, को भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह में स्थापित किया गया। इससे पहले भगवान बद्री विशाल के साथ तपस्थ श्री हरि विष्णु के साथ महालक्ष्मी को गर्भ गृह से बाहर लाकर महालक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया। इस दौरान विधिवत पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी गई है। भगवान का तेल कलश भी भगवान के गर्भ गृह में स्थापित किया गया है। इसी तेल कलश में भरे हुए तिल के तेल से छह माह यात्रा काल के दौरान भगवान का अभिषेक होगा। मंदिर में पूजा अर्चना मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदिरि और डिमरी पुजारियों ने की। कपाट खुलने के साथ ही बद्रीनाथ के  अन्य सभी पूजा विग्रहों व मंदिरों में भगवान की पूजा  प्रारंभ हो गई है।

कोरोना संकट के चलते इस बार कपाट खुलने के समय मुख्य मंदिर में पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी एवं हकहकूधारी ही मौजूद थे। बद्रीनाथ मंदिर में पहली महाभिषेक पूजा प्रातः 9.30 बजे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नाम की गई। कपाटोत्घाटन के मौके पर मंदिर की सजावट लगभग 8 कुन्तल गेंदे के फूलों से की गई थी। पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए मास्क पहनकर पूरे विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी रावल वीसी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, बद्रीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, राजगुरू तथा हककूकधारी मौजूद थे। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भी औपचारिक रूप से आगाज हो गया।

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