#BargeP305: अगर बोट्स पंचर नहीं होती तो ना मरते बार्ज पर सवार लोग?

#CycloneTautae: चक्रवात ताऊ ते की वजह से मुंबई में डूबा बार्ज पी305 मौसम विभाग चेतावनी के बावजूद रिग पर ही खड़ा रहा और वहां से हार्बर नहीं गया। इसपर से बचाए गए चीफ इंजीनियर रहमान शेख के मुताबिक कैप्टन ने इस चेतावनी को नजरअंदाज किया। उन्हें लग रहा था कि तूफान की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक की होगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जब हमने जान बचाने के लिए राफ्टिंग बोट्स देखी तो उनमें से 14 पंचर थी। दूसरी तरफ की बोट्स उतारने की हिम्मत कोई नहीं कर पाया और इस दौरान बार्ज के लंगर टूट गए और वो एक ऑयल रिग से टकरा गया। अभी तक इस दुर्घटना में 45 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है।

इंडियन एक्सप्रेस अखबार को राशिद ने बताया जब बाकी आसपास के शिप हार्बर जा रहे थे तो कैप्टन ने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। 48 साल के राशिद अभी मुंबई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन जब बार्ज डूबने लगा था तो बोट्स भी खराब निकली। सिर्फ दो ही बोट्स उतारी जा सकी। दूसरी ओर भी 16 बोट थी। लेकिन तूफान में उस तरफ कोई पहुंच नहीं सका।

इस दुर्घटना में नेवी द्वारा बचाए गए सतीश ने बताया कि रात को करीब 1 बजे के आसपास लंगर टूट गया था, इसके बाद एक एक करके बाकी लंगर भी टूट गए और बार्ज तूफान के साथ बहने लगा और किसी चीज से टकराया, इसके बाद उसमें पानी भरने लगा और जब ये लगने लगा कि ये डूब जाएगा तो हम सभी लाइफ जॉकेट पहनकर ग्रुप बनाकर पानी में कूद गए। बाद में 9-10 बजे के आसपास नेवी ने हमें बचाया।

उधर प्रधानमंत्री ने बुधवार को गुजरात और दीव में तूफान के कारण हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बार्ज पर फंसे लोगों की तलाश में चलाए जा रहे अभियान की जानकारी भी ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने ताऊ ते तूफान के कारण सभी राज्यों के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता की घोषणा भी की।

बार्ज पी-305 के लापता लोगों में से 26 के शव तलाश लिए गए हैं। बाकी की तलाश अभी जारी है। चूंकि बार्ज पर मौजूद सभी लोगों ने लाइफ जैकेट पहन रखी थी, इसलिए बचाव दल ने लापता लोगों के जीवित मिलने की उम्मीद अभी छोड़ी नहीं है। सोमवार को तूफान का शिकार हुए पी-305 पर 261 लोग सवार थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *