#WuhanLab: क्या बैट लेडी ने वुहान लैब में बनाया है कोरोना वायरस?

#CoronaUpdate: अभी तक लाखों लोगों की मौत का कारण बना कोरोना वायरस (Corona virus) के चीन (China) में ही तैयार किए जाने को लेकर पुख्ता कारण सामने आने लगे हैं। इस वायरस को तैयार करने में जिन लोगों ने काम किया है, अब उनके नाम भी सामने आने लगे हैं। चीन में इंसानों के सेल (human cell) (मानव कोशिकाओं) पर इस वायरस के असर को पर 2015 से चीन की सेना (PLA) के साथ प्रयोग चल रहे थे। ये प्रयोग वुहान वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में चल रहे थे और इनमें बैट लेडी (Bat lady) नाम से जानी जाने वाली महिला विज्ञानी शी झेंग-ली भी शामिल थी। शी अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के रिसर्चर राल्फ एस बारिक के साथ कोरोना पर भी काम कर रही थी। 

दुनिया के प्रमुख Science writer निकोलस वाडे के मुताबिक कोरोना वायरस के फैलने को लेकर अभी तक जितनी भी आशंकाएं जताई गई हैं, उनमें सबसे पुख्ता वुहान लैब में तैयार होने की आशंका है। एटॉमिक साइंटिस्ट्स के बुलेटिन में वाडे ने लिखा है कि वुहान की लैब से कोरोना वायरस निकालने के बहुत सारे सबूत हैं। पहला पूरे चीन में वह इकलौती लैब है जहां पर कोरोना वायरस पर रिसर्च चल रहा था। दूसरा इस रिसर्च में यहां पर चमगादड़ में पाए जाने वाले कोरोना वायरस में जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए बदलाव कर उसे इंसानों की बीमारी बनाया जा रहा था। तीसरा ये प्रयोग दक्षिण चीन में युन्नान की गुफाओं में रहने वाले सैकड़ों प्रजातियों के चमगादड़ लाकर उनके भीतर के वायरस निकालकर किए जाते थे। इसलिए यहां कोई वायरस ही ये बीमारी फैला रहा है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। 

वाडे ने लिखा है कि इसमें कोई शक की बात हीनहीं कि चीन की वुहान लैब में कोरोना वायरस का आनुवांशिक रूप से बदलकर उसको मानव कोशिका पर हमला करने लायक बनाया जा रहा था। कोरोना वायरस लगातार अपने को बदल रहा है। इससे साफ है यह प्राकृतिक वायरस न होकर लैब में तैयार जेनेटिक इंजीनियरिंग से तैयार वायरस है, जो समय के साथ अपने स्वरूप बदलकर लोगों को बीमार कर रहा है।

वाडे के मुताबिक इससे पहले भी चीन ने जिस तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच में देरी की और जांच दल के वुहान लैब में जाने से रोकने के लिए तरह तरह की बाधाएं खड़ी कीं, उससे शक और गहरा जाता है। वाडे ने लिखा है कि कोरोना परिवार के वायरस पहले भी सक्रिय हुए हैं, लेकिन थोड़े दिन बाद ही उनका असर कम हो जाता है और वो मृत प्राय: हो जाते हैं। लेकिन यह नया वायरस समय के साथ और मजबूत हो रहा है। इससे भी साफ है कि ये चीनी लैब में बना वायरस है।

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