#SocialMedia: केंद्र सरकार की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social media platform) के लिए गाइडलाइंस (Guidelines) का पालन नहीं करने पर ट्विटर के बंद होने का ख़तरा बढ़ गया है। केंद्र सरकार (Central government) ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए गाइडलाइन जारी की थी और इन्हें लागू करने के लिए 3 महीने का समय भी इन कंपनियों को दिया था। लेकिन अभी तक किसी भी कंपनी ने इसपर अमल नहीं किया है। हालांकि सरकार का दबाव बढ़ने के बाद फेसबुक (Facebook) ने कहा है कि वो इसका पालन करेगी, दूसरी ओर स्वदेशी एप कू ने इसका पालन कर लिया है। ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अब तक नहीं बताया है कि गाइडलाइंस को लागू किया गया या नहीं। इधर गृह मंत्रालय ने ट्विटर के सीईओ जॉक डोर्श को तलब किया है।
दरअसल पिछली बार किसान आंदोलन के समय 26 जनवरी की हिंसा में बहुत सारी अफवाहों का कारण सोशल मीडिया प्लेटफार्म थे। इस वजह से सरकार ने इनपर नकेल कसने के लिए एक गाइडलाइन बनाई थी। जिसका पालन इन कंपनियों को करना था। जिसकी मियाद आज रात खत्म हो जाएगी।
इधर दूसरी ओर टूलकिट मामले में ट्विटर इंडिया को दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद कंपनी की परेशानियां बढ़ गई है। ट्विटर के सूत्रों के मुताबिक मामला अमेरिका हेडक्वाटर्र तक तो जाएगा ही।
भाजपा नेताओं की पोस्ट को मैनीपुलेटेड मीडिया (तोड़-मरोड़कर पेश किया गया मीडिया) शब्द जोड़ने के बाद से ही ट्विटर एक बार फिर सरकार के निशाने पर है। हालांकि ट्विटर भी लगातार सरकार को परेशान करने वाले काम करता रहता है। अब दिल्ली पुलिस टूलकिट जांच को लेकर ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ्तरों पर भी गई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस के नोटिस देने के बाद ट्विटर के इंडिया हेडक्वार्टर में तनाव हो गया है। पुलिस के एक्शन की जानकारी तत्काल हेडक्वार्टर को दी गई, उस वक्त जब अमेरिका में सुबह भी नहीं हो पाई थी।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टूलकिट और मैनीपुलेटेड मीडिया में जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम जिस शिकायत की जांच कर रहे हैं, उसमें हमें ट्विटर से जवाब जरूरी है। हमें लगता है कि ट्विटर के पास कुछ जानकारियां है, जो हमें नहीं पता हैं। ट्विटर इन्हें क्लासीफाइड बता रहा है, जोकि भारतीय कानूनों का निरादर है। ये हमारी जांच के लिए जरूरी हैं।