#NetFlix: मुंबई पुलिस को आदेश के बाद भी नेटफलिक्स पर “बांबे बेगम” (Bombay Begum) फिल्म के लिए एफआईआर नहीं करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मुंबई पुलिस (Mumbai Police)को समन किया है। मुंबई पुलिस कमीश्नर (Commissioner of Police, Mumbai) को भेजे गए समन में NCPCR ने लिखा है कि इस मामल में एफआईआर करने का आदेश उसने एक महीने पहले दिया था। लेकिन इसपर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। बल्कि मुंबई पुलिस के डीपीसी (इंफोर्समेंट) ने एफआईआर ना करने का कारण पूछने पर बताया कि इस मामले में एफआईआर उच्चाधिकारियों से इज़ाजत लेने के बाद ही हो पाएगी। इससे NCPCR ने लिखा है कि बच्चों को ड्रग्स लेते हुए दिखाने के मामले में आयोग ने संज्ञान लिया था। कानून के तहत उन्हें सिविल कोर्ट के अधिकार हैं। ऐसे में उनके निर्देशों के बाद भी अगर एफआईआर नहीं हो रही है तो पुलिस कमीशनर स्वयं हाजिर हों। आयोग ने इस मामले में पुलिस कमीशनर को 28 मई को वर्र्युअली हाजिर होने को कहा है।
इसके साथ ही आयोग ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त सचिव (गृह) को लिखी एक चिट्ठी में आयोग ने पूछा है कि क्या बच्चों को ड्रग्स लेते हुए बढ़ा चढ़ाकर दिखाने में अभी तक एफआईआर क्यूं नहीं की।
दरअसल नेटफ्लिक्स पर दिखाई गई बॉबे बेगम फिल्म में बच्चों को ड्रग्स लेते हुए दिखाया गया है। साथ ही ये बहुत ही ग्लोरिफाई तरीके से दिखाया गया है। इसपर शिकायत के बाद आयोग ने मामले का संज्ञान लिया था। जिसपर आयोग ने मार्च में जेजे एक्ट और पॉस्को एक्ट के तहत इस मामले में मुंबई डीसीपी को एफआईआर करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक इसपर कार्रवाई नहीं हुई है। अपनी चिट्ठी में आयोग ने लिखा है कि मुंबई पुलिस को लगातार इस मामले में कहने के बाद भी एफआईआर नहीं हुई है। बल्कि इस मामले में मुंबई पुलिस के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अरूण ने उन्हे सलाह दी कि वो दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराएं। जिसपर वो आगे जांच कर लेगें। इसपर आयोग ने मुंबई पुलिस कमीश्नर को लिखा है कि जब फिल्म की शूटिंग मुंबई में हुई है तो कानूनन ज्यूरिडिक्शन मुंबई में है। लिहाजा एफआईआर वहीं होनी चाहिए।