#ChhatisgarhVaccination: छत्तीसगढ़ के एक जिले (Chhattisgarh district) में बिना वैक्सीन के सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने और सरकारी कर्मचारियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए एक अधिकारी ने ऐसा कदम उठाया है। इस बाबत उक्त अधिकारी ने वेतन रोकने का आदेश दे दिया है। आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने अपने स्टाफ सदस्यों को COVID-19 का टीका लगवाने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर उनका अगले महीने का वेतन रोक दिया जाएगा।
दरअसल 21 मई को मरवाही जिले (Marwahi district) में सहायक आयुक्त (assistant commissioner) के एस मसराम ने एक जारी आदेश जारी किया था। जिसमें लिखा था कि बिना वैक्सीन के वेतन रोक लिया जाएगा। हालांकि इस आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां कुछ लोगों ने इस आदेश को डिक्टेटर का आदेश तक कह दिया था।
आदेश में जिले में आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा संचालित कार्यालयों, आश्रमों (आवासीय विद्यालयों) और छात्रावासों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा था। वैक्सीन लगवाने के बाद इन लोगों को अपने कार्यालय में वैक्सीनेशन कार्ड जमा करने को कहा गया है। यदि वे वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो अगले महीने के लिए उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
इससे पूर्व मसराम ने 20 मई को विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के परिवारों के कोविड-19 वैक्सीनेशन का आदेश भी जारी किया था। संपर्क करने पर उक्त अधिकारी ने बताया कि इस आदेश के पीछे का उद्देश्य कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित करना है।
उन्होंने दावा किया कि आदेश जारी होने के बाद विभाग के 95 प्रतिशत स्टाफ सदस्यों ने वैक्सीन शॉट्स ले लिए हैं। हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि विभाग अपने कर्मचारियों के अगले महीने का वेतन नहीं रोकेगा।
उन्होंने कहा कि, “मेरा इरादा अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को टीका लगवाने का था, और कुछ नहीं,”। दरअसल देश में वैक्सीनेश करवाने के लिए कई इलाकों में बड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। लिहाजा इस तरह के सख्त आदेश भी कई स्थानों पर वैक्सीन में तेज़ी आई है।