#MamataPolitics: जिसने हराया, उसके साथ बैठना ममता को गंवारा नहीं?

#WestBengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीति करने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती, चाहे सिचुएशन कुछ भी हो। साइक्लोन यास के बाद हुई तबाही का जायजा लेने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की बैठक में वो शामिल नहीं हुई, बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात कर केंद्र से 20 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज मांगा और वहां से तुरंत निकल गई। हालांकि दूसरी ओर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक प्रधानमंत्री को रिसीव ना सिर्फ एयरपोर्ट पहुंचे, बल्कि उन्होंने तो केंद्र से किसी तरह की मदद लेने से भी इंकार कर दिया। पटनायक ने कहा कि केंद्र को कोरोना से लड़ने के लिए रिसोर्सेज की जरूरत है, लिहाजा हम खुद इस आपदा से निबट लेंगे।

दरअसल प्रधानमंत्री की ओर से जिस समीक्षा बैठक में ममता को बुलाया था। उसमें गर्वनर जगदीप धनकड़ और विपक्ष के नेता सवेंदु अधिकारी भी शामिल थे। लिहाजा ममता ने इस बैठक में उचित नहीं समझा हालांकि केंद्र से पैसे मांगने का मौका उन्होंने नहीं छोड़ा। वो कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस पर बुलाई गई बैठक में आधा घंटा देर से पहुंची और उन्होंने मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात की। ममता ने चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित हुए बंगाल के दीघा व सुंदरवन इलाकों के विकास के लिए पीएम मोदी से 10-10 हजार करोड़ रुपये का भारी भरकम पैकेज मांगा है। ख़ास बात है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका था, जब पीएम मोदी और सीएम ममता का आमना-सामना हुआ था।

सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर बैठक में विधायकों व सांसदों को शामिल करने पर एतराज जताया गया था। 

उधर दूसरी ओर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व उनके अधिकारी अगर बैठक में भाग लेते तो यह राज्य व यहां के लोगों के हित में होता। विरोधात्मक रवैये से राज्य व लोकतंत्र के हितों को नुकसान पहुंचता है। मुख्यमंत्री व उनके अधिकारियों का बैठक में शामिल न होना संवैधानिक नियमों के हिसाब से नहीं है। सुवेंदु अधिकारी ने इसपर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर बंगाल की भलाई के लिए काम करने के बजाय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ओछी राजनीति पर उतारू है। भाजपा भी ममता के इस कदम को लेकर आक्रामक हो गई है। पार्टी ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्हें बैठक में आमंत्रित किया जा ही सकता है। मुख्यमंत्री को इसे लेकर आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।

बैठक में सुवेंदु अधिकारी और बंगाल से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी को भी बुलाया गया था। बैठक के बाद पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो लाख व घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। पीएम मोदी और सीएम ममता ने बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

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