#BanTwitter: अभिनेत्री कंगना रनौत समेत कई अपनी मर्जी से किसी का भी ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने और संबित पात्रा के टूलकिट वाले ट्विट को मैन्यूपुलेटिड मीडिया टैग करने के बाद केंद्र सरकार ने ट्विटर साफ कहा है कि वो बिना की को बताए कैसे अपनी मर्जी से किसी का अकाउंट बंद कर सकते हैं। वो कैसे लद्दाख को चीन का हिस्सा बता सकते हैं और कैसे वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाने में मदद कर सकती है, साथ ही कोरोना के वैरिएंट को इंडियन स्ट्रेन के नाम से भारत को बदनाम करने में मदद कर सकती है। ट्विटर के अपने दफ्तर पर पुलिस कार्रवाई के बाद इसको अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संभावित ख़तरे को मुद्दा बनाया। सरकार ने साफ कहा कि एक पैसा कमाने वाली और विदेशी कंपनी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अभिव्यक्ति का पाढ़ पढ़ाने की कोशिश ना करें। वो भारतीय कानूनों का पालन करें।
सरकार ने साफ किया है कि इंटनेट कंपनियां भारतीय कानूनों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्हें इसका पालन करना ही होगा। सरकार ने ट्विटर को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर लोगों को भटकाने के बजाय भारत के कानून का पालन करें। ट्विटर ने बयान देकर कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संभावित ख़तरा है। सरकार ने इस आरोप को पूरी तरह आधारहीन और गलत करार देते हुए सरकार ने कहा कि ट्विटर अपनी नाकामी छिपाने के लिए भारत की छवि को धक्का पहुंचाने की कोशिश है। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को लेकर जो नियम बने हैं, वो सबके साथ बातचीत के बाद बने हैं। उसका पूरा एक प्रोसेस है जिसको पूरा करने के बाद ही ये नियम बने हैं। इनका पालन करना ही होगा।
ट्विटर सिर्फ एक इंटरनेट मीडिया इंटरमीडिएरीज है और उसे भारत के वैधानिक फ्रेमवर्क में दखलअंदाजी का कोई अधिकार नहीं है। ट्विटर ग्राहकों की आजादी पर भी मनमाने तरीके से ब्रेक लगाती है और भारत के साथ पक्षपात भी करती है। इसके उदाहरण में सरकार ने अपने बयान में कहा कि जब भारत और चीन में सीमा पर तनाव था तब उसने लद्दाख को चीन की सीमा दिखाया, कैपिटल हिल में हिंसा पर ट्विटर ने तुरंत एक्शन लिया। यहां लाल किले पर हिंसा पर कंपनी ने भारत सरकार के कहने के बाद भी हिंसा के झुठे विडियो नहीं हटाए। वैक्सीन के बारे में भी उसने भ्रम को बढ़ाया, कोरोना के एक वैरिएंट को उसने ड्ब्लूएचओ गाइडलाइंस के बावजूद इंडियन वैरिएंट लिखे जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय ने ट्विटर के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि देश से मुनाफे का कारोबार करने वाली ट्विटर दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ न समझाए। भारत में आजादी उसका मूलभूत है लेकिन ट्विटर का रवैया दोहरा है। वह खुद को बचाने के लिए अभिव्यक्ति की आजादी को ढाल बना रही है, जबकि भारत में उसने अपना कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया है।