#KisanAndolan: प्रर्दशनकारियों के लगातार लोगों को भड़काने के बाद अब गांवों में राष्ट्रीय आइकन्स के साथ भी बदतमीजी शुरू हो गई है। देश की जानी मानी महिला पहलवान बबीता फौगाट को उसके गांव में ही जाने से ना सिर्फ रोका गया, बल्कि उनके छोटे बेटे के साथ होते हुए भी के साथ इतनी ज्य़ादा बदतमीजी की कि बबिता बाद में रोने लगी।
बाद में बबीता ने कहा, किसान इस तरह की हरकत नहीं कर सकते, ये विपक्षी दलों की शह पर किया जा रहा है। किसान होते तो बातचीत का रास्ता बंद नहीं करते और जिद नहीं ठानते।
दरअसल प्रदर्शनकारियों ने अब गांवों में बीजेपी नेताओं का विरोध करने की ठानी है। इसी वजह से वो बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी नेता बबीता ने कहा कि आंदोलनकारियों को अपनी जिद छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को कानून की खामियां बताते हुए सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिये।
उन्होंने कहा कि जब मैंने मेडल जीते थे तो किसी एक क्षेत्र या एक एक समाज के लिए नही जीते थे। आज उनकी गाड़ी पर डंडे बरसाए गए हैं, मुझे गालियां दी जा रही है। किसान वास्तव में ऐसी हरकत कभी नहीं कर सकते।
पहलवान से नेता बनीं बबीता फोगाट को अपने गांव जाने के दौरान कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए थे और सड़क पर लेट गए थे। इसकी वजह से उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। हालात को संभालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बबीता फोगाट केंद्र की मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आई थी। जिसमें केंद्र सरकार की उपलब्धियां को बताया जाना था। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे पूरा नहीं होने दिया।