#Twitter: ट्विटर ने अपने जवाब में सरकार को क्या लिखा?

#SocialMedia: केंद्र सरकार के ट्विटर को अंतिम चेतावनी चिट्ठी के बाद ट्विटर ने सरकार को जवाब तो दिया है, लेकिन जो काम सरकार ने कहा था वो अभी तक नहीं किए हैं, यानि जिन अधिकारियों को ट्विटर ने नियुक्त करना था। वो अभी तक भी नियुक्त नहीं किए हैं, हालांकि ट्विटर ने कहा है कि वो नए नियमों का पालन करने की हर संभव कोशिश करेगी।

ट्विटर ने अपने जवाब में कहा है कि कि वो ट्विटर भारत के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है और रहेगा। हमने भारत सरकार को आश्वासन दिया है कि ट्विटर नए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसके लिए हमने जो काम किए हैं उनको सरकार को बता दिया गया है। हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे।

दरअसल किसान आंदोलन में हिंसा के समय ट्विटर ने कानून व्यवस्था को संभालने में सहयोग करने की बजाए अपने हित देखे और सरकार के कहने के बावजूद ऐसे अकाउंट्स बंद नहीं किए जोकि पाकिस्तान से चल रहे थे। साथ ही वैक्सीन को लेकर अफवाहों को भड़काने में सोशल मीडिया का एक अहम रोल रहा है। इसपर फैली अफवाहों की वजह से देश में बड़े वर्ग ने वैक्सीन नहीं लगवाई। तीसरा ट्विटर की पॉलिसी में पारदर्शिता नहीं है। हाल ही में उसने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू समेत संघ प्रमुख के हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। जबकि दिवंगत नेता अहमद पटेल और कई अन्य का उनकी मौत के बाद भी ब्लू टिक जारी था। ऐसी तरह कई ऐसे लोग भी थे जो खुलेआम सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन उनकी आपत्तिजनक भाषा को नहीं हटाया जा रहा था।

सरकार ने इससे पहले भी ट्विटर को चेतावनी दी थी। लेकिन ट्विटर अपने गोल मोल जवाबों से अभी तक बचता आ रहा था। लेकिन अब सरकार ने ट्विटर अमेरिका को लिखकर साफ कर दिया है कि अगर नियम नहीं माने तो सोशल मीडिया को दी गई छूट वापस ले ली जाएगी। ट्विटर का इंटरमीडियरी का दर्जा खत्म किया जा सकता है, जिससे ट्विटर को मिली हुई कई छूट समाप्त हो जाएगी। इससे ट्विटर के लिए भारत में काम करना मुश्किल हो सकता है।

सरकार ने ट्विटर को लिखा था कि पिछले एक दशक से ट्विटर भारत में कारोबार कर रहा है। इसके बावजूद इंटरनेट मीडिया के नियमों के पालन को लेकर ट्विटर कोई मैकेनिज्म तैयार करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, जिससे भारत में ट्विटर यूजर्स अपनी शिकायतों का निपटारा एक पारदर्शी प्लेटफार्म पर कर सकें।

पारदर्शी व्यवस्था बनाए

सरकार का कहना है कि ट्विटर पर जिन लोगों को गाली दी जाती है, जो ट्विटर की वजह से यौन हिंसा के शिकार होते हैं, उन्हें अपने मामलों के निपटारे के लिए ट्विटर के पारदर्शी मैकेनिज्म की जरूरत है।

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