#OxygenSupply: उत्तर प्रदेश के आगरा इलाके में पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की मॉक ड्रिल के नाम पर मरीजों के मौत का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक विडियो सामने आया है जिसमें आगरा के पारस अस्पताल के संचालक अरिंजय जैन ने कहा कि 22 मरीज छंट गए। पुलिस ने इस विडियो के बाद अस्पताल को सील कर दिया है।
दरअसल इस अस्पताल में 22 लोगों ने दम तोड़ा था और अस्पताल ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण ये मौतें हुई हैं। लेकिन स्थानीय मीडिया में लोग लगातार इन मौतों पर सवाल उठाते आए थे। इसके बाद वहां पारस अस्पताल के मालिक के कई विडियो सामने आए। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है।
पहला विडियो
डॉ अरिंजन जैन कुछ दो तीन लोगों के सामने बता रहे हैं।
डॉ जैन. मेरे पास ट्रेडर का फोन आया है, वो संभवी वाले का, उसने पूछा, कहां हो बॉस, मैने कहा राउंड ले रहा हूं। ऑक्सीजन सप्लायर ने कहा बास कत्ल की रात है, ऑक्सीजन कांड हो गया, सुबह तक का माल है। मोदीनगर ड्राई हो गया, गाजियाबाद ड्राई हो गया, दिल्ली से गाड़ी आ नहीं रही, माल नहीं आ पाएगा।
मैंने कहा, कैसी बातें कर रहे हो, आक्सीजन नहीं मिलेगी क्या, उसने कहा-कहां से मिलेगी। डीएम साहब ऑक्सीजन नहीं देंगे, कहां से देंगे। हम तो उसकी (ट्रेडर) की बात को हल्के में ले रहे थे। आधा घंटा तो हमें स्वीकार करने में लगा कि ऐसी घटना भी हो सकती है आगरा में कल। मरीज भर्ती थे 96… मेरे पास 12 घंटे का समय था।
दूसरा विडियो
डॉ. अरिंजन जैन कुछ लोगों के सामने बोल रहे हैं, मेरे पास 12 घंटे का समय था, या ये सब मर जाएंगे या इन्हें रेफर कर दो। दिमाग बिल्कुल खत्म, कोई रास्ता दिखा ही नहीं। एक घंटे तक वार्डों में फोन किया कि कैसे बचें ये मरीज। रात एक बजे एक पत्र लिखा तीमारदारों के लिए आवश्यक सूचना। कि आगरा में पावर सप्लाई ऑक्सीजन की खत्म हो गई है।
मरीजों के तीमारदार कहीं से इंतजाम कर लें। सुबह 10 बजे तक समय है। पत्र दिया नरेंद्र, गौरव चौहान को, लालजीत को। कहा कि सभी मरीजों को पढ़ा के आओ। नोटिस चस्पा करते तो वायरल हो जाता। ढाई बजे रात में हड़कंप। हॉस्पिटल के बाहर तीमारदार इकठ्ठा हो गए।
इस बीच एक दूसरा दूसरा शख्स बोला, जीवन ज्योति में तो खूब मारपीट हुई।
डॉ. अरिंजन जैन ने कहा, अरे नहीं मेरे यहां कोई घटना नहीं हुई है। मैं रिसेप्शन पर आया। सभी लोग लॉबी में खड़े थे। लोगों को समझाया तो लोग बोले कि हम जिएं या मरें कहां जाएंगे। सभी ने जाने से इनकार कर दिया।
तीसरा विडियो
डॉ. अरिंजन जैन ने कहा, इसके बाद फैसला हो गया कि कोई कहीं नहीं जाएगा। हमने कहा, इतना बड़ा कांड हो गया, लास्ट ईयर कांड तो कुछ भी नहीं था। अब लिखा जाएगा कि पारस में 96 मरीजों की मौत। दूसरे शख्स ने कहा, मौत का मंजर देखने को मिलेगा। अब तो हो गया खेल खत्म। अब कैरियर भी खत्म। 304 लिखवाएंगे पत्रकार, मानेंगे नहीं। जेल भी होगी। आखिरी रात है, क्या करते फिर से मैंने ऑक्सीजन का ग्रुप पकड़ा। उस पर एक बड़ा पत्र डाला।
अपनी मजबूरी लिखी। मैंने पत्र डाला कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। मैंने त्यागी वेंडर्स आदि से मदद मांगी। कुछ लोगों के रिप्लाई आया। एक ने 5 सिलेंडर देने की बात कही। मैंने कहा इससे क्या होगा। दो लाख, पांच लाख, दस लाख की गाड़ी ले लो, लेकिन सिलिंडर दे दो। भोपाल या कहीं से भी दिलवाओ। जिंदगी बचानी थी, कैरियर बचाना था। मैंने कहा-सोने का भाव लगा दो, टैंकर खड़ा करो। कैसे भी खड़ा करो। मुख्यमंत्री भी सिलिंडर नहीं दिलवा सकता था
चौथा विडियो
डॉ. अरिंजन जैन आगे बता रहे है कि, मैंने आईएमए के संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वह बोले, बॉस, आप मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज करना शुरू करो। ऑक्सीजन कहीं नहीं है। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं मंगा सकता। मोदीनगर ड्राई हो गया है। इसके बाद तो मेरे तो हाथ-पांव फूल गए। कुछ लोगों (तीमारदारों) को व्यक्तिगत तौर पर समझाना शुरू किया।
उनको कहा- समझो बात को। कुछ पेंडुलम बने रहे.. नहीं जाएंगे… नहीं जाएंगे। कोई नहीं जा रहा है। फिर मैंने कहा दिमाग मत लगाओ अब वो छांटो जिनकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है। एक ट्रायल मार दो। पता चल जाएगा कि कौन मरेगा कौन नहीं। मॉकड्रिल सुबह 7 बजे की। शून्य कर दिए… 22 मरीज छंट गए, 22 मरीज। नीले पड़ने लगे हाथ पैर, छटपटाने लगे, तुरंत खोल दिए।
दूसरा शख्स : कितने देर की मॉकड्रिल थी।
डॉ. अरिंजय जैन : 5 मिनट की मॉकड्रिल थी, इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना-अपना सिलिंडर लेकर आओ। सबसे बड़ा प्रयोग यही रहा।
इन विडियो के बाद तो पूरे आगरा के साथ साथ पूरे देश में भी हंगामा हो गया है। इसके बाद पारस हास्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। सोमवार को वायरल हुए डॉ अरिंजय जैन के वीडियो के बाद मंगलवार को डीएम पीएन सिंह और एसएसपी मुनिराज ने पारस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया है। डीएम ने हॉस्पिटल मालिक के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा है। साथ ही हॉस्पिटल को सील करने के लिए कह दिया है। अस्पताल में 50 से अधिक भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए CMO को कहा गया है. डीएम का कहना है कि ऑक्सीजन से अधिक मौतें नहीं हुई हैं, अगर कोई भी तीमारदार ऑक्सीजन से हुई मौतों की शिकायत करेगा तो इसकी जांच कराई जाएगी। कोई चाहे तो हॉस्पिटल संचालक पर अलग से मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है।