#Jyotish: लगभग 150 सालों के बाद शनि जयंति के दिन सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। जोकि बहुत ही दुर्लभ संयोग है। ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनि देव का जन्म हुआ था। ज्योतिष के मुताबिक इस अमावस्या को केतु ग्रह की भी जन्म हुआ था। इस साल शनि जयंती पर सैकड़ों सालों में कभी कभी बनने वाला एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। इस बार वृष राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु के होने से चतुर्ग्रही योग बनता है। आज शनि जयंती पर सूर्यग्रहण होने से सूर्य-शनि यानी पिता-पुत्र के एक साथ होने का भी दुर्लभ योग बन रहा है। इससे देश के लिए बेहतर स्थितियां बनेंगी।
ज्योतिषाचार्य अमन गोस्वामी के मुताबिक 148 सालों के बाद शनि जयंती पर सूर्यग्रहण पड़ रहा है। इससे पहले 26 मई 1873 को ऐसा हुआ था। हालांकि आज का सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका अशुभ असर भी देश पर नहीं पड़ेगा।
गोस्वामी के मुताबिक शनि जयंती पर शनि खुद की राशि मकर में वक्री होगा, शनि श्रवण नक्षत्र में है। इस स्थिति से देश में न्याय और धर्म मज़बूत होगा। प्राकृतिक आपदाओं और महामारी से देश बेहतरी से लड़ेगा और जीतेगा। देश में धार्मिक गतिविधियां में भी बढ़ोतरी होगी। मजदूर और गरीबों के लिए अच्छा समय शुरू होगा। खेती बेहतर होगी, अनाज और खाने की अन्य चीजों का उत्पादन भी बढ़ेगा।
शनि जयंती पर आज के दिन वृष राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और राहु ग्रह एक साथ रहेंगे। इन 4 ग्रहों के कारण देश में कानून व्यवस्था और व्यापारिक नीतियों में बड़ा बदलाव होगा। विश्व में भारत की स्थिति मज़बूत होगी। इसके अलावा बड़े प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी निभा रही महिलाओं का प्रभाव बढ़ेगा।