#BJPonKejriwal: बीजेपी ने दिल्ली पर राशन माफिया के मिले होने का आरोप लगाया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में बोगस राशन कार्ड है, लेकिन दिल्ली सरकार ने ना तो वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू किया और ना ही राशन कार्ड का ऑथेंटिकेशन किया।
केजरीवाल पर बीजेपी अचानक काफी हमलावर हो गई है। दिन में पहले राज्य बीजेपी ने केजरीवाल पर ऑक्सीजन की कमी और दवाओं के कमी के मामले पर हमला किया। कुछ ही घंटों के बाद राशन मामले पर केंद्रीय कार्यालय में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदर्श गुप्ता और नेता विपक्ष रामवीर बिधुड़ी के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार देश भर में 2 रुपये प्रति किलो गेहूं, 3 रुपये प्रति किलो चावल देती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले साल की तरह इस बार भी नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। चावल का खर्चा 37 रुपये प्रति किलो होता है और गेहूं का 27 रुपये प्रति किलो होता है। भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से बांटने के लिए अनाज देती है। भारत सरकार सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपये इसमें खर्च करती है। केंद्र सरकार दिल्ली को भी मुफ्त अनाज देती हैं ताकि वो इसको दिल्ली में बांट सकें।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल एसएसटी की चिंता नहीं करते हैं, ना ही प्रवासियों की भी चिंता नहीं करते और भारत सरकार ने निर्देशों को भी नहीं मानते। ये दिल्ली में चल क्या रहा है। उन्होंने कहा कि पैसा खर्चा करना है भारत सरकार को अगर आपको इतना ही चिंता है तो आप अपनी अलग स्कीम बनाओ, हम आपको सस्ता अनाज देने की कोशिश करेंगे।
ये होम डिलीवरी देखने में बहुत अच्छा लगता है। लेकिन इसमें स्कैम के बहुत चांसेज हैं। देशभर में 86परसेंट राशन कार्ड मशीनों के साथ लिंक हो गए हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसको लिंक नहीं किया है।
राशन कार्ड की दुकान मोहल्ले में या आपके पड़ोस में है। आपका इंस्पेश्कन होगा, सारा हिसाब किताब देना पड़ता है। ये सारा काम दिल्ली सरकार का काम होना पड़ता है। इतना माल बीच से गायब हो रहा है। दिल्ली सरकार अपना काम ठीक से नहीं हो रहा है।
दरअसल अरविंद केजरीवाल पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन स्कीम के जरिए से अनाज बांटने की बजाए भारत सरकार के भेजे गए अनाज को नए तरीके से बांटना चाहते हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने इस स्कीम को नामंजूर कर दिया है, क्योंकि कानून के मुताबिक ऐसी कोई स्कीम राज्य सरकार अपने फंड से ला सकती है। लेकिन केंद्र सरकार जो राशन पीडीएस में देता है। उसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।