#Covid19: कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे धीरे कम होती जा रही है। पिछले छह दिन से लगातार रोज़ाना कोरोना केस एक लाख से नीचे आ रहे हैं। लगातार छह दिन औसतन एक लाख से कम केसज 66 दिन बाद आए हैं। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर कम लंबी खिंची। पहली लहर में 10 जून को एक हफ्ते के औसत केस 10 हजार के पार पहुंच गए थे। 49 दिन बाद 30 जुलाई को नए मरीजों का आंकड़ा 50 हजार को पार कर गया। 17 सितंबर को पहली लहर पीक पर पहुंच गई थी। जबकि 27 अक्टूबर को यानी 89 दिन बाद दोबारा नए केस 50 हजार से नीचे केस आए।
पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़े और उतनी ही तेजी से कम भी हो रहे हैं। पहली लहर में 50 हजार मामले से पीक और वापस 50 हजार से कम मामले होने में 89 दिन का समय लगा था। वहीं, दूसरी लहर में एक लाख से पीक 3.9 लाख और वापस एक लाख से कम मामले होने में सिर्फ 66 दिन लगे हैं।
दरअसल एक सप्ताह तक लगातार अगर केस औसतन एक सीमा में रहते हैं तो उसे स्थिर स्थिति मानकर उसके हिसाब से आंकड़ों की तुलना की जाती है। फिलहाल देश में पांच राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना काबू से बाहर है। जबकि 20 राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना काबू में हैं। देश में सबसे ज्य़ादा कोरोना पॉजिटिविटी रेट केरल में हैं। यहां 14.2 परसेंट का पॉजिटिविटी रेट है। जबकि तमिलनाडू, गोवा, मेघालय और सिक्किम में भी नए कोरोना मरीज तेजी से आ रहे हैं। जबकि आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना पॉजिटिविटी रेट एक परसेंट से कम है। दिल्ली, झारखंड और मध्यप्रदेश में भी पॉजिटिविटी रेट एक परसेंट से कम हैं। सबसे ज्य़ादा एक्टिव केस कर्नाटक में है।