#SocialMedia: भारत (India) में ट्विटर के बुरे दिन शुरू हो गए हैं, चेतावनी के बाद भी नियमों का पालन नहीं करने पर सरकार ने ट्विटर को एजेंटों के जरिए यानि इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) दर्जा खत्म कर दिया है। अभी तक डायरेक्ट कंपनी के नहीं, बल्कि कुछ एजेंटों के जरिए ट्विटर भारत में काम कर रही थी। आईटी मंत्री रविशंकर ने बताया कि ट्विटर को लगातार कई मौके दिए गए। लेकिन उन्होंने नॉन कंप्लाइंस का रास्ता चुना था। सरकार ने पांच जून को आखिरी चेतावनी दी थी, लेकिन उसके बाद भी ट्विटर ने नियमों का पालन शुरू नहीं किया।
दरअसल सरकार ने ट्विटर के साथ-साथ एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म सिग्नल पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। अभी तक ट्विटर अमेरिकी कानून के हिसाब से भारत में चल रहा था। लेकिन अब इंटरमीडियरी दर्जा खत्म होने बाद इन दोनों प्लेटफार्म भारतीय कानून और यहां के नियमों के हिसाब से काम करना होगा। यानि ट्विटर की पर जाने वाली पोस्ट, कंपनी का संचालन, विदेशी निवेश आदि के जो नियम भारतीय कंपनियों पर लागू होंगे। वो सारे अब ट्विटर पर भी लागू किए जाएंगे। फरवरी में इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय ने इंटरनेट मीडिया के लिए नए नियम जारी किए थे। लेकिन ट्विटर को छोड़कर बाकी सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने इन नियमों को मान लिया था। हालांकि ट्विटर आधिकारिक तौर पर लगातार ये कह रहा था कि वो भारतीय कानून मानेंगे। लेकिन ऐसा करता नहीं था। नए नियमों के तहत किसी भी शिकायत को एड्ररेस करने के लिए भारत में कंपनी का ग्रीवांस आफिसर होना चाहिए। जोकि आपत्तिजनक पोस्ट, जिनके कारण कानून व्यवस्था, महिलाओं की मर्यादा, देश की अखंडता आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, उनको तुरंत ब्लॉक करने की कारवाई करे। एडवोकेट पंकज सिंह के मुताबिक इंटरनेट मीडिया के नए नियम में ही यह प्रावधान है कि जो इंटरनेट मीडिया इन नियमों का पालन नहीं करेगा उससे इंटरमीडियरी सुविधा छिन जाएगी। ट्विटर के साथ यही हुआ है।
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अब ट्विटर के प्लेटफार्म पर चलने वाले किसी भी कंटेंट, वीडियो या किसी अन्य चीज को लेकर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। ट्विटर भी उसमें पार्टी बनेगा और भारतीय दंड संहिता के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इंटरमीडियरी की सुविधा खत्म के तुरंत बाद ही ट्विटर को इंटरनेट मीडिया पोर्टल के नियमों का पालन करना होगा जिसके तहत उसे कई बदलाव करने पडेंगे।
हालांकि दूसरी ओर ट्विटर सरकार से बार-बार नियमों को पालन करने की नई तारीख लेने की कोशिश में था। पहले जून में ट्विटर ने वकील धर्मेंद्र चतुर को नोडल कांटैक्ट पर्सन बनाया फिर छह जून को ट्विटर ने कहा कि नोडल कांटैक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस आफिसर अनुबंध पर अंतरिम रूप में नियुक्त किया गया है। फिर 13 जून को ट्विटर ने बताया कि तीनों अधिकारियों के लिए वैकेंसी निकाली गई है। इसके बाद सरकार ने ट्विटर की ये सुविधा खत्म कर दी।
स्थायी समिति में ट्विटर की पेशी
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को संसद की ओर से भी नोटिस जारी कर समन किया गया है। शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने माइक्रो ब्लागिंग साइट के शीर्ष अधिकारियों को शुक्रवार (18 जून) को अपने समन किया है। सूचना और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने प्लेटफार्म के दुरुपयोग और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर फेसबुक और ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया कंपनियों को तलब किया है।