#OPChoutala: पूर्व सीएम एवं इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई की चल रही प्रक्रिया के साथ प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। इनेलो और कांग्रेस नेता आमने-सामने हैं, क्योंकि चौटाला की रिहाई की प्रक्रिया शुरू होते ही उनके बेटे एवं इनेलो के प्रधान महासचिव भी आक्रामक हो गए हैं। उनके जिलों में चल रहे कार्यक्रमों में वे सरकार से लेकर पूर्व सीएम तक जमकर हमला बोल रहे हैं। अभय चौटाला ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में ही उनके पिता ओमप्रकाश चौटाला को जेल भिजवाने के लिए जिम्मेदार बताया था। अब हुड्डा पर दिए गए इस बयान पर कांग्रेसी विधायक उनके बचाव में मैदान में उतर गए हैं। उल्टा उन्हें ही घेरने की कोशिश की है कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा के मामले में कई सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब अभय चौटाला से ही मांगा है। विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं विधायक डॉ. रघुवीर कादयान, पूर्व मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल, पूर्व मंत्री एवं विधायक आफताब अहमद ,विधायक राव दान सिंह एवं कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप एवं विधायक भारत भूषण बतरा ने संयुक्त बयान में अभय सिंह चौटाला से 7 सवाल पूछते हुए जवाब मांगा है विधायकों ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 साल के शासन में ओम प्रकाश चौटाला व उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई, जबकि चौटाला सरकार के खिलाफ कई तरह के भ्रष्टाचार के मामलों के आरोप थे।
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भारत भूषण बत्रा ,कांग्रेस विधायक रोहतक
कांग्रेस विधायकों ने पूछा कि अभय चौटाला झूठ बोलना कब बंद करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कभी राजनीतिक दुर्भावना के चलते कार्य नहीं कियाओमपकाश चौटाला को जेबीटी भर्ती मामले में जनवरी, 2013 में 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी हालांकि उनके खिलाफ जांच उनके खुद के कार्यकाल में ही शुरू हो चुकी थी। गौरतलब है कि कई बार हुड्डा ने इसका जवाब दिया लेकिन कभी मुद्दा नहीं बना। लेकिन अब चौटाला रिहा होने वाले हैं तो उनकी सक्रियता से प्रदेश की सियासत में नए समीकरण भी बनने हैं। ऐसे में हुड्डा के समर्थक भी जवाब देने के आगे आ गए हैं। क्योंकि चौटाला और हुड्डा दोनों में ही जाट नेता होने की प्रतिस्पर्धा भी हमेशा रही है।
भारत भूषण बत्रा ,कांग्रेस विधायक रोहतक
ये है पूरा मामला
- वह बताएं संजीव कुमार आईएएस कौन थे और उन्हें हरियाणा में डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन किसने लगाया था और कब लगाया था?
- संजीव कुमार ने 5 जून, 2003 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और उन्होंने जेबीटी सिलेक्शन की दो लिस्ट पेश की। चौटाला बताएं कि इनमें से कौन सी लिस्ट असली थी और कौन सी लिस्ट नकली थी, जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने 3206 को सिलेक्शन लेटर जारी किया। उस समय किसकी सरकार थी व शिक्षा मंत्री कौन थे?
- रजनी शेखरी सिब्बल आईएएस ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट को अलमारी के अंदर सील करके रखा था। वह लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली व दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची? तब किसकी सरकार थी?
- 25 नवंबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के चीफ जस्टिस ने संजीव कुमार की याचिका पर सीबीआई को यह जांच सौंपी, जिसमें बाद में ओमप्रकाश चौटाला व अन्य पर मुकदमा चला।
- सीबीआई ने जो जांच की वह किसके आदेश से की? उस समय सीबीआई की सारी जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुई या नहीं?
- यदि यह कोई षड्यंत्र था तो सीबीआई के विशेष जज की रोहिणी कोर्ट में जब 10 साल की सजा का फैसला हुआ और अगर केस ठीक नहीं था तो सुप्रीम कोर्ट तक ने सीबीआई जज के फैसले को बहाल क्यों रखा?
- वर्ष 1999 में जब 3206 जेबीटी टीचर्स की पोस्ट को एचएसएससी के दायरे से बाहर किया गया और जेबीटी की अपॉइंटमेंट एजुकेशन डिपार्टमेंट ने की। जिस लिस्ट से नियुक्तियां की गयी उसे अदालत ने फर्जी लिस्ट माना या नहीं? उस समय हरियाणा के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री कौन थे, और क्या वजह थी इस परिवर्तन की।