#KisanAndolan: सात महीनों से ज्य़ादा समय से जारी दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन के नेताओं के सूर अब बदलने लगे हैं। पहले किसानों के नेता बने संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों को बताया करता था कि क्या करना है। लेकिन अब वो लोगों के पूछ रहे हैं कि बताएं क्या करना है। इससे पता चलता है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की घटती संख्या और लगातार बदनामी के कारण किसानों के नेता बने लोग परेशान हैं।
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके सुझाव मांगे है। आंदोलन को बढ़ाने के लिए अन्य सुझाव भी देने की भी अपील की। दरअसल पिछले कुछ समय से आंदोलन लगातार बदनाम होता जा रहा है। पहले प्रदर्शन स्थल पर एक युवती के साथ रेप हुआ, फिर एक व्यक्ति को जलाकर मार डाला गया। इसलिए अब प्रदर्शन फीका होता जा रहा है। दिल्ली बॉर्डर पर टेंट तो लगे हैं। लेकिन लोग बहुत ही कम रह गए हैं। लिहाजा अब इसको तेज करने के लिए प्रदर्शनकारी नेता नई योजनाएं बनाने की कोशिश में हैं, जिसके लिए जल्द संयुक्त मोर्चा की बैठक की जाएगी।
कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शनकारी धरने को सात महीने हो गए हैं। इस बीच किसानों व सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है तो गृहमंत्री अमित शाह भी किसानों से वार्ता कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल सका और पांच महीने से बातचीत बंद है।