हरियाणा में किसान आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। लगातार बीजेपी के नेताओं और उनके समर्थकों पर हो रहे हमलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ये फैसला लिया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ तभी मुलाकात की जा सकेगी, पहले से टाइम लिया होगा या फिर अंदर दफ्तर से उक्त व्यक्ति को अंदर आने के लिए कहा जाएगा।
आईएएस यशेंद्र सिंह कमेटी की 2019 में सौंपी रिपोर्ट के 14 बिंदुओं में से 12 को मुख्य सचिव ने अपनी मंजूरी दे दी है। सचिवालय की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ अफसरों को भी सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश से अवगत करा दिया है। अब मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, मुख्य सचिव से आगंतुकों की मुलाकात तभी होगी जब निजी स्टाफ सुरक्षा कर्मियों को फोन कर उन्हें अंदर भेजने के लिए कहेगा। दरअसल इससे पहले कई बीजेपी के नेताओं को प्रदर्शनकारियों ने परेशान किया है। बीजेपी विधायक और प्रसिद्ध रेसलर बबिता फोगाट को तो एक कार्यक्रम के दौरान काफी परेशान किया गया था। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी अंडगें डाले जा चुके हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है।