#Haryana: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को फिर से पार्टी विधायक दल की बैठक बुला ली है। हरियाणा निवास में यह बैठक होगी। करीब दो सप्ताह पहले 22 जून को संयुक्त विधायक दल की बैठक सीएम ने ली थी। इसमें भाजपा के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे पांचों निर्दलीय और गठबंधन सहयोगी जेजेपी के 10 विधायक मौजूद थे। गरीब व बीपीएल परिवारों से जुड़ी योजनाओं की ग्राउंड रियल्टी जानने के लिए सीएम ने यह बैठक बुलाई है।
बैठक के लिए भाजपा के सभी मंत्रियों व विधायकों को सूचित किया गया है। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, संगठन महामंत्री रविंद्र राजू, प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, मोहन लाल बड़ौली व डॉ़ पवन सैनी भी मौजूद रहेंगे। अहम बात यह है कि इस बैठक में भाजपा के सभी जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है। बैठक में सरकार व संगठन के आगामी कार्यक्रमों की रणनीति भी तय होगी।
विधायकों व जिलाध्यक्षों को एक साथ इसीलिए बुलाया है ताकि सरकार और संगठन में कार्डिनेशन बना रहे। पिछले दिनों सीएम ने कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। बीपीएल व गरीब परिवारों को एकमुश्कत 5-5 हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इस योजना का लाभ 12 लाख परिवारों को मिलेगा। इसमें रेहड़ी-फड़ी, रिक्शा-आटो चलाने वाले, मजदूर, मिस्त्री आदि गरीब लोगों को शामिल किया गया।
कोरोना काल में छोटे दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन में उनकी दुकानें भी बंद रही। ऐसे 3 लाख के लगभग बीपीएल दुकानदारों को चिह्नित किया गया, जिन्हें पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद सरकार देगी। इस बैठक में सीएम इन सभी योजनाओं की ग्राउंड रियल्टी विधायकों व जिलाध्यक्षों से जानेंगे। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सीएम विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों व जिलों के डीसी से भी फीडबैक लेंगे।
पीपीपी योजना की होगी समीक्षा
बैठक में सीएम परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) को लेकर भी बातचीत होगी। यह सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को भी पीपीपी के साथ लिंक किया है। इसके तहत इस साल 1 लाख गरीब परिवारों को मुख्यधारा में लाने का टारगेट है। पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले परिवारों में से 30 हजार ऐसे परिवारों का चयन हो चुका है, जिनकी सालाना आय 50 हजार से भी कम है। शुरूआत में इन परिवारों की आय 1 लाख रुपये तक की जाएगी। फिर इसे बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार तक करने का टारगेट है।
चुनावों पर भी मंथन संभव
प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं – जिला परिषद, ब्लाक समिति व ग्राम पंचायतों के अलावा नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के चुनाव प्रस्तावित हैं। कोरोना के केस अब लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग सरकार से मंजूरी के बाद चुनावों का कार्यक्रम जारी करने पर विचार कर सकता है। पंचायत चुनावों से पहले निकायों के चुनाव होने की उम्मीद है। पंचायतों से जुड़ा एक मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित है। हाईकोर्ट में 22 अगस्त को सुनवाई होनी है। सरकार हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी।